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Incest आखिर मैंने दीदी की चुदाई की इच्छा जगा ही दी
#14
मैंने पैरों से पैरों को मिलाया, सहलाया. फिर हाथों से दीदी की कमर को सहलाया, उनकी गर्दन पर हाथ फिराया, होंठों को टच किया. अब शायद मेरा रुक पाना मुश्किल था, मंजिल भी दूर नहीं थी. मैंने हिम्मत करके दीदी की जाँघों पर हाथ रखा और मसला लेकिन कोई हरकत नहीं थी. मैंने कुर्ती के पीछे की ज़िप खोलना चालू की, लेकिन टाइट थी तो थोड़े झटके लगे लेकिन ज़िप खुल गई.[Image: single_25-5734033852850.jpg?1444271349]


[Image: single_66-6078044739000.jpg?1444271548]
मैंने दीदी की पीठ सहलाई और फिर ब्रा का स्ट्रैप खोल दिया. अब उनको बेक साइड अप करके थोड़ा धक्का दिया और आसानी से वो सो गई. अब तो वो भी तैयार लग रही थीं. उनकी कुर्ती को मैंने ऊपर किया जिसमें दीदी ने भी पूरा साथ दिया.
अब केवल ब्रा और पैंटी बची थी. मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और बस अंडरवियर में आ गया. मैं दीदी को सर से लेकर पैर तक चूमता चला गया. फिर मैंने बेख़ौफ़ होकर उनकी पैंटी भी निकाल दी. अब बस चूतड़ों को मसल कर मजा ले रहा था.. इसके बाद अब बारी थी दीदी के मम्मों को मसलने की.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आखिर मैंने दीदी की चुदाई की इच्छा जगा ही दी - by neerathemall - 21-03-2022, 04:50 PM



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