21-03-2022, 04:49 PM
(This post was last modified: 02-05-2022, 11:18 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
यूं ही बातें करते-करते कब दोनों को नींद आ गई, पता ही नहीं चला. सुबह जब 6 बजे मेरी नींद खुली तब देखा कि दीदी मेरे साइड में ही सोई हैं और बड़ी ही सेक्सी लग रही थीं. मैंने चैक किया तो दीदी बड़ी गहरी नींद में थीं.
अब मैंने चांस मारा, दीदी की साड़ी को उनके सीने से हल्का सा हटाया तो उनके मम्मों की लाइन दिखने लगी. लेकिन मेरी गांड फट रही थी इसलिए मम्मों को टच नहीं कर पाया. फिर मैंने धीरे से अपने पैरों से पेटीकोट ऊपर को किया और हल्के से बार-बार टच करने लगा.. कुछ देर यूं ही मजा लेने के बाद मैं सो गया.
जब नींद खुली तो देखा दीदी मुझे उठा रही थीं- उठ जा.. नाश्ता बन गया है, खा ले.
मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया. दीदी नहाने चली गईं.. जब आईं तो देखा कि वही अपने पुराने गेटअप में थीं. उन्होंने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी थी और ऊपर कुर्ती पहनी थी.
उन्हें यू देख कर मेरा मन फिर से मचलने लगा. आज मैं कॉलेज नहीं गया.. मेरा मन नहीं किया. आज दिन भर दीदी के साथ ही रहा. कभी वो मुझे छेड़ती रहीं तो कभी मैं उन्हें छेड़ता रहा.
अब मैंने चांस मारा, दीदी की साड़ी को उनके सीने से हल्का सा हटाया तो उनके मम्मों की लाइन दिखने लगी. लेकिन मेरी गांड फट रही थी इसलिए मम्मों को टच नहीं कर पाया. फिर मैंने धीरे से अपने पैरों से पेटीकोट ऊपर को किया और हल्के से बार-बार टच करने लगा.. कुछ देर यूं ही मजा लेने के बाद मैं सो गया.
जब नींद खुली तो देखा दीदी मुझे उठा रही थीं- उठ जा.. नाश्ता बन गया है, खा ले.
मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया. दीदी नहाने चली गईं.. जब आईं तो देखा कि वही अपने पुराने गेटअप में थीं. उन्होंने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी थी और ऊपर कुर्ती पहनी थी.
उन्हें यू देख कर मेरा मन फिर से मचलने लगा. आज मैं कॉलेज नहीं गया.. मेरा मन नहीं किया. आज दिन भर दीदी के साथ ही रहा. कभी वो मुझे छेड़ती रहीं तो कभी मैं उन्हें छेड़ता रहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.