21-03-2022, 04:47 PM
(This post was last modified: 02-05-2022, 11:12 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने पूछा- अरे आप कैसे गिर गईं?
तो वो बोली- वहां साबुन पड़ा था.
मैंने उनको सहारा दिया, वो कहने लगीं- मैं ठीक हूँ तुम सो जाओ.
लेकिन थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे आवाज लगाई. मैं आया तो देखा कि वो बेड पर बैठी थीं.
वो बोलीं- मेरे कंधे पर चोट लगी है और मैं दवाई लगा नहीं पा रही हूँ.
तब मैंने पूछा- कहाँ?
दीदी ने अपने कंधे से सूट सरकाया. मैंने देखा तो उनकी स्किन छिल गई थी. फिर मैंने उनको थोड़ा डांटा भी. वो चुपचाप सुनती रहीं. फिर मैंने थोड़ी मलहम लगाई और हम दोनों वहीं सो गए.
अगले दिन चाचा आ गए.. लेकिन चाची के कारण चाचा 5 वें दिन फिर चले गए. अब फिर से हम दोनों अकेले हो गए.
एक दिन फिर ऐसे ही निकल गया. अगले दिन सुबह जब मैं 8 बजे उठा और सुसू करने गया, तब पहले जैसा दीदी आ गईं. लेकिन इस बार बोलीं- तू अभी भी बच्चा है क्या? गेट तो बंद कर लिया कर..!
मैंने मजाक में बोल दिया- दिल तो बच्चा है जी.
तो वो हंस दीं.
aur main kalpanaa karne lagaa ...........
तो वो बोली- वहां साबुन पड़ा था.
मैंने उनको सहारा दिया, वो कहने लगीं- मैं ठीक हूँ तुम सो जाओ.
लेकिन थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे आवाज लगाई. मैं आया तो देखा कि वो बेड पर बैठी थीं.
वो बोलीं- मेरे कंधे पर चोट लगी है और मैं दवाई लगा नहीं पा रही हूँ.
तब मैंने पूछा- कहाँ?
दीदी ने अपने कंधे से सूट सरकाया. मैंने देखा तो उनकी स्किन छिल गई थी. फिर मैंने उनको थोड़ा डांटा भी. वो चुपचाप सुनती रहीं. फिर मैंने थोड़ी मलहम लगाई और हम दोनों वहीं सो गए.
अगले दिन चाचा आ गए.. लेकिन चाची के कारण चाचा 5 वें दिन फिर चले गए. अब फिर से हम दोनों अकेले हो गए.
एक दिन फिर ऐसे ही निकल गया. अगले दिन सुबह जब मैं 8 बजे उठा और सुसू करने गया, तब पहले जैसा दीदी आ गईं. लेकिन इस बार बोलीं- तू अभी भी बच्चा है क्या? गेट तो बंद कर लिया कर..!
मैंने मजाक में बोल दिया- दिल तो बच्चा है जी.
तो वो हंस दीं.
aur main kalpanaa karne lagaa ...........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.