21-03-2022, 04:46 PM
(This post was last modified: 02-05-2022, 11:08 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं डरते हुए जाकर सो गया.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और डर भी लग रहा था. यही सब सोचते हुए 10 बज गए और मैं उठ गया.
अब तक सब कुछ नार्मल था. इस घटना को 4-5 दिन ही हुए होंगे कि फिर से एक घटना हो गई.
सुबह का वक़्त था, करीब 6 बजे थे. दीदी अपने कमरे में सोई थीं.. मैं सुसू करने उठा था. इस वक्त घर में बाकी सब भी सोये हुए थे. मैं बाथरूम से निकला, तो देखा कि दीदी के रूम की नाईट लैंप जल रहा था. मैंने ध्यान से देखा कि दीदी के स्तन दिख रहे थे और उनकी पैंटी भी कुछ दिख रही थी. मैं वहीं गेट पर खड़े होकर निहार रहा था कि तभी दीदी ने करवट ली और मुझे देख लिया.
उन्होंने एकटक मुझे देखा, मैं घबराकर जाने लगा तो वो बोलीं- अरे स्माइली, प्यास लगी है पानी तो पिला दे यार..
फिर मैं कुछ शांत हुआ.. उनको जग से पानी लेकर पिलाया और उनको तिरछी निगाहों से देखता रहा. इस बार देखने के बाद से मेरे दिल में कुछ होने लगा.
एक दिन खबर आई कि चाची की माँ की तबियत ख़राब है, तो चाची अगले दिन वहाँ चली गईं और चाचा अगले दिन उनको छोड़ कर वापस आ गए. फिर एक हफ्ते बाद चाचा चाची को लेने गए और चाची की तबियत ख़राब होने की वजह से 5 दिनों के बाद चाची के साथ वापस आए.
लेकिन इन पाँच दिनों के दौरान जो हुआ वो मेरे साथ पहली बार हुआ.
अब तक सब कुछ नार्मल था. इस घटना को 4-5 दिन ही हुए होंगे कि फिर से एक घटना हो गई.
सुबह का वक़्त था, करीब 6 बजे थे. दीदी अपने कमरे में सोई थीं.. मैं सुसू करने उठा था. इस वक्त घर में बाकी सब भी सोये हुए थे. मैं बाथरूम से निकला, तो देखा कि दीदी के रूम की नाईट लैंप जल रहा था. मैंने ध्यान से देखा कि दीदी के स्तन दिख रहे थे और उनकी पैंटी भी कुछ दिख रही थी. मैं वहीं गेट पर खड़े होकर निहार रहा था कि तभी दीदी ने करवट ली और मुझे देख लिया.
उन्होंने एकटक मुझे देखा, मैं घबराकर जाने लगा तो वो बोलीं- अरे स्माइली, प्यास लगी है पानी तो पिला दे यार..
फिर मैं कुछ शांत हुआ.. उनको जग से पानी लेकर पिलाया और उनको तिरछी निगाहों से देखता रहा. इस बार देखने के बाद से मेरे दिल में कुछ होने लगा.
एक दिन खबर आई कि चाची की माँ की तबियत ख़राब है, तो चाची अगले दिन वहाँ चली गईं और चाचा अगले दिन उनको छोड़ कर वापस आ गए. फिर एक हफ्ते बाद चाचा चाची को लेने गए और चाची की तबियत ख़राब होने की वजह से 5 दिनों के बाद चाची के साथ वापस आए.
लेकिन इन पाँच दिनों के दौरान जो हुआ वो मेरे साथ पहली बार हुआ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.