21-03-2022, 04:45 PM
(This post was last modified: 02-05-2022, 11:07 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बाद में मुझे पता चला कि गर्मी की वजह से वो ऐसे ही रहती हैं. मैं तो वैसे ही घर में चड्डी और बनियान में घूमता रहता था.
अभी तक दीदी के बारे में बताया ही नहीं.. मैं क्या बताऊं.. रंग गोरा, हाइट 5 फिट 4 इंच, फिगर एवरेज था.
जैसा कि मैंने बताया कि गर्मी के दिन चल रहे थे और दीदी ने सलवार नहीं पहनी हुई थी. नीचे के हिस्से में दीदी केवल पैंटी पहनती थीं. इसलिए दिन में कई बार उनकी जांघें और पैंटी की झलक मिल जाया करती थी.
उनकी पेंटी की झलक दिखते ही मेरा पूरा बदन सिहर उठता था.
एक दिन संडे का दिन था, सुबह के 7 बजे होंगे, मैं उठा और सीधे बाथरूम में सूसू करने चला गया लेकिन जल्दबाजी में दरवाजा लॉक करना भूल गया. मैं लंड बाहर निकाल कर सूसू कर ही रहा था कि अचानक गेट खुला और दीदी अन्दर आ गईं. मैं लंड हिलाता हुआ एक ओर हुआ और वो मेरे खड़े लंड को देखते हुए वापस चली गईं. मैं फिर से डर गया कि उनको लगा होगा कि मैंने यह जानबूझ किया है.. और वो फिर से चिल्लाएंगी.
अभी तक दीदी के बारे में बताया ही नहीं.. मैं क्या बताऊं.. रंग गोरा, हाइट 5 फिट 4 इंच, फिगर एवरेज था.
जैसा कि मैंने बताया कि गर्मी के दिन चल रहे थे और दीदी ने सलवार नहीं पहनी हुई थी. नीचे के हिस्से में दीदी केवल पैंटी पहनती थीं. इसलिए दिन में कई बार उनकी जांघें और पैंटी की झलक मिल जाया करती थी.
उनकी पेंटी की झलक दिखते ही मेरा पूरा बदन सिहर उठता था.
एक दिन संडे का दिन था, सुबह के 7 बजे होंगे, मैं उठा और सीधे बाथरूम में सूसू करने चला गया लेकिन जल्दबाजी में दरवाजा लॉक करना भूल गया. मैं लंड बाहर निकाल कर सूसू कर ही रहा था कि अचानक गेट खुला और दीदी अन्दर आ गईं. मैं लंड हिलाता हुआ एक ओर हुआ और वो मेरे खड़े लंड को देखते हुए वापस चली गईं. मैं फिर से डर गया कि उनको लगा होगा कि मैंने यह जानबूझ किया है.. और वो फिर से चिल्लाएंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.