21-03-2022, 04:37 PM
तब मैंने कहा- रानी, अगर तुम थोड़ी देर पहले आ जाती तो भाई से चुदवा भी देती तुझे! अभी थोड़ी देर पहले ही तो मैंने चुदवाया है.
वो बोली- मैं देख चुकी हूँ आपा आपकी चुदायी! मेरी सलवार तभी गीली हुई थी.
मैंने कहा- हां मुझे पता है तू छुप कर सारा तमाशा देख रही थी. मैंने देखा था. ऐ तुझे आ जाना चाहिये था न! चलो कोई बात नहीं, अब तो तू खुल ही गयी है. मैं भाई से कह दूंगी वो तुझे मज़ा देगा
तब अफ़रोज़ ने कहा- आपा बहुत दर्द होता है क्या चुदवाने में?
मैंने कहा- नहीं, पहले तो थोड़ा सा होगा बाद में सब ठीक हो जायेगा.
“पर आपा, भाई का हथियार भी तो बहुत मोटा ताज़ा है!”
तब मैंने कहा- देख अफ़रोज़, अगर हमारे साथ रहना है तो सब बात खुल कर करनी होंगी. बता उसको क्या कहते हैं?
तब वो शरमाते हुए बोली- लौड़ा कहते हैं आपा.
मैंने कहा- ये हुई न बात! चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ, भूख भी बहुत लगी है.
तब अफ़रोज़ ने कहा- किस चीज़ की भूख लगी है आपा?
मैं उसकी शरारत समझ गयी, बोली- ज्यादा शरारत न करो. वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी.
तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली- रहम करना मेरी आपा, अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर!
वो बोली- मैं देख चुकी हूँ आपा आपकी चुदायी! मेरी सलवार तभी गीली हुई थी.
मैंने कहा- हां मुझे पता है तू छुप कर सारा तमाशा देख रही थी. मैंने देखा था. ऐ तुझे आ जाना चाहिये था न! चलो कोई बात नहीं, अब तो तू खुल ही गयी है. मैं भाई से कह दूंगी वो तुझे मज़ा देगा
तब अफ़रोज़ ने कहा- आपा बहुत दर्द होता है क्या चुदवाने में?
मैंने कहा- नहीं, पहले तो थोड़ा सा होगा बाद में सब ठीक हो जायेगा.
“पर आपा, भाई का हथियार भी तो बहुत मोटा ताज़ा है!”
तब मैंने कहा- देख अफ़रोज़, अगर हमारे साथ रहना है तो सब बात खुल कर करनी होंगी. बता उसको क्या कहते हैं?
तब वो शरमाते हुए बोली- लौड़ा कहते हैं आपा.
मैंने कहा- ये हुई न बात! चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ, भूख भी बहुत लगी है.
तब अफ़रोज़ ने कहा- किस चीज़ की भूख लगी है आपा?
मैं उसकी शरारत समझ गयी, बोली- ज्यादा शरारत न करो. वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी.
तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली- रहम करना मेरी आपा, अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.