21-03-2022, 04:30 PM
मैं आगे बोली- मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी हैं.
तब भाई ने कहा- क्या किया जा सकता है?
तब मैंने कहा- भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे तो क्या तुम चोदोगे उसे?
तब भाई ने कहा- हां क्यूं नहीं, कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं. अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये. तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ.
तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा- अब बातें बाद में चोदना, मैं झड़ रही हूँ, पहले मुझे सम्भालो!
तब भाई ने कहा- क्या किया जा सकता है?
तब मैंने कहा- भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे तो क्या तुम चोदोगे उसे?
तब भाई ने कहा- हां क्यूं नहीं, कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं. अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये. तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ.
तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा- अब बातें बाद में चोदना, मैं झड़ रही हूँ, पहले मुझे सम्भालो!
भाई बातें भूल कर फ़िर से मुझे चोदने लगे और मैं झड़कर एक तरफ़ लेट गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.