21-03-2022, 04:21 PM
एक दिन की बात है मैं छत पर नहा कर बाल सुखा रही थी कि तभी कोई मेरे पीछे से मेरी गांड में लौड़ा अड़ा कर मेरी चूचियों को दबाने लगा। मेरी तो बांछें खिल गई, सोचा किसी को तो तरस आया मेरी जवानी पे!
जब घूम कर देखा तो भाई जान थे।
मैंने कहा- हटिये भी भाई! भला यह भी कोई जगह है प्यार करने की? कोई देख लेगा तो शामत आ जायेगी।
तब भाई ने उसी अवस्था में खड़े खड़े मेरी चूचियाँ दबाते हुए कहा- हाँ यार, यह तो है! साला यहाँ बाकी सब तो ठीक है पर लंड को बहुत तरसना पड़ता है। साला यहाँ घर ऐसा महल तो है नहीं कि जब जी चाहा बिस्तर पर पटक कर चोद लिया! यार तुम न हुई तो xxxxxxxभोसड़ी में ही लंड डाल लिया, नहीं तो तुम्हें ही चोद लिया पर साला यहाँ तो बड़ी दिक्कत है, अब हफ़्ता भर हो गया, साला लंड को कोई चूत नसीब नहीं हुई।
उनके चूची दबाने से मैं अब तक गर्म हो चुकी थी, तब मैंने कहा- भाई, अब आप मेरी चूची न दबायें क्योंकि इस तरह तो आग और भड़क रही है, जब चोद नहीं पायेंगे तब गुसल खाने में जाकर मुझे भी उंगली करनी पड़ेगी और आपको भी मुठ मारना पड़ेगा।
जब घूम कर देखा तो भाई जान थे।
मैंने कहा- हटिये भी भाई! भला यह भी कोई जगह है प्यार करने की? कोई देख लेगा तो शामत आ जायेगी।
तब भाई ने उसी अवस्था में खड़े खड़े मेरी चूचियाँ दबाते हुए कहा- हाँ यार, यह तो है! साला यहाँ बाकी सब तो ठीक है पर लंड को बहुत तरसना पड़ता है। साला यहाँ घर ऐसा महल तो है नहीं कि जब जी चाहा बिस्तर पर पटक कर चोद लिया! यार तुम न हुई तो xxxxxxxभोसड़ी में ही लंड डाल लिया, नहीं तो तुम्हें ही चोद लिया पर साला यहाँ तो बड़ी दिक्कत है, अब हफ़्ता भर हो गया, साला लंड को कोई चूत नसीब नहीं हुई।
उनके चूची दबाने से मैं अब तक गर्म हो चुकी थी, तब मैंने कहा- भाई, अब आप मेरी चूची न दबायें क्योंकि इस तरह तो आग और भड़क रही है, जब चोद नहीं पायेंगे तब गुसल खाने में जाकर मुझे भी उंगली करनी पड़ेगी और आपको भी मुठ मारना पड़ेगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.