21-03-2022, 03:25 PM
एक दिन हम ऐसे ही पलंग के नीचे छुपे थे, तब एक असलम नाम के लड़के ने ये सब देख लिया, वो इस समय राज दे रहा था, मतलब इस समय उसकी बारी सभी छिपे हुए को खोजने की थी. जब असलम ने हमको देखा, उस वक़्त मेरी सलवार निकली हुई थी और शिजू मेरी चूत चाट रहा था.
उसे देखकर मैं डर गई और खुद को छिपाने की कोशिश करने लगी. वो मेरे पास आकर मेरे मम्मों को दबाने लगा. शिजू ने भी उससे कुछ नहीं कहा. एक तरह से वे दोनों मेरे साथ मजा लेने लगे थे.
मैं भी चुप होकर उन दोनों से अपने मम्मों को मिंजवाती रही. उन दोनों ने मेरा कोई विरोध नहीं देखा, तो वे दोनों खुल कर मुझे ऐसे ही दबाते और मसलते रहे. अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था. एक तरह से ये हो गया था कि अब मैं उन दोनों के लिए एक जुगाड़ बन गई थी.
मुझे भी चूंकि मजा आने लगा था, तो मैंने भी कुछ कहना ठीक नहीं समझा. अब हम तीनों हमेशा साथ में छुप जाते और वो दोनों मुझे पागलों की तरह मसलते दबाते रहते.
ऐसा कुछ टाइम तक चला. इस बीच उन दोनों ने मेरी चुत में लंड पेलने की कोशिश भी की, मगर वो मैंने नहीं होने दिया.
उसे देखकर मैं डर गई और खुद को छिपाने की कोशिश करने लगी. वो मेरे पास आकर मेरे मम्मों को दबाने लगा. शिजू ने भी उससे कुछ नहीं कहा. एक तरह से वे दोनों मेरे साथ मजा लेने लगे थे.
मैं भी चुप होकर उन दोनों से अपने मम्मों को मिंजवाती रही. उन दोनों ने मेरा कोई विरोध नहीं देखा, तो वे दोनों खुल कर मुझे ऐसे ही दबाते और मसलते रहे. अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था. एक तरह से ये हो गया था कि अब मैं उन दोनों के लिए एक जुगाड़ बन गई थी.
मुझे भी चूंकि मजा आने लगा था, तो मैंने भी कुछ कहना ठीक नहीं समझा. अब हम तीनों हमेशा साथ में छुप जाते और वो दोनों मुझे पागलों की तरह मसलते दबाते रहते.
ऐसा कुछ टाइम तक चला. इस बीच उन दोनों ने मेरी चुत में लंड पेलने की कोशिश भी की, मगर वो मैंने नहीं होने दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
