21-03-2022, 03:15 PM
मगर एक गिलास पीने के बाद मुझे लगा, जैसे मेरे आस पास सब कुछ घूमने लगा हो। उसके
बाद एक गिलास और पिया गया। और मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगी।
बेशक हम दोनों बातें कर रहे थे, मगर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि हम क्या बात कर
रहे हैं, मुझे जो जितना भी समझ आ रहा था, मैं निखिल भैया को जवाब दे रही थी।
फिर मुझे लगा जैसे मुझे पेशाब आ रहा हो। मैं उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी तो टेबल
से टकरा कर गिर पड़ी।
बीअर का नशा मुझ पर चढ़ चुका था.
निखिल भैया ने मुझे एकदम से संभाला और अपनी मजबूत मसकुलर बांहों का सहारा देकर
बाथरूम तक ले गए। मगर सिर्फ बाथरूम तक नहीं ले गए, बल्कि मेरे साथ ही बाथरूम के
अंदर आ गए। मैंने कहा- भैया मुझे सुसू करना है।
वो बोले- अरे मुझे भी तो करना है, दोनों भाई बहन साथ में ही कर लेते हैं।
और इससे पहले मैं कुछ कहती उन्होंने मेरी तरफ पीठ की और अपने निकर नीचे करके दीवार
पर सुसू करने लगे। मुझे बड़ी शर्म आई कि मेरा भाई जिसे आज तक मैं सिर्फ अपना भाई ही
समझती थी, मेरे सामने किस बेशर्मी से पेशाब कर रहा है।
मैं चुपचाप खड़ी उन्हें देखती रही।
बाद एक गिलास और पिया गया। और मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगी।
बेशक हम दोनों बातें कर रहे थे, मगर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि हम क्या बात कर
रहे हैं, मुझे जो जितना भी समझ आ रहा था, मैं निखिल भैया को जवाब दे रही थी।
फिर मुझे लगा जैसे मुझे पेशाब आ रहा हो। मैं उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी तो टेबल
से टकरा कर गिर पड़ी।
बीअर का नशा मुझ पर चढ़ चुका था.
निखिल भैया ने मुझे एकदम से संभाला और अपनी मजबूत मसकुलर बांहों का सहारा देकर
बाथरूम तक ले गए। मगर सिर्फ बाथरूम तक नहीं ले गए, बल्कि मेरे साथ ही बाथरूम के
अंदर आ गए। मैंने कहा- भैया मुझे सुसू करना है।
वो बोले- अरे मुझे भी तो करना है, दोनों भाई बहन साथ में ही कर लेते हैं।
और इससे पहले मैं कुछ कहती उन्होंने मेरी तरफ पीठ की और अपने निकर नीचे करके दीवार
पर सुसू करने लगे। मुझे बड़ी शर्म आई कि मेरा भाई जिसे आज तक मैं सिर्फ अपना भाई ही
समझती थी, मेरे सामने किस बेशर्मी से पेशाब कर रहा है।
मैं चुपचाप खड़ी उन्हें देखती रही।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.