21-03-2022, 03:14 PM
फिर निखिल भैया ने पूछा- कृति, लाऊं बीअर?
मैंने भी हाँ कह दिया।
भैया उठे और फ्रिज से ठंडी बीअर निकाली और किचन से बाकी खाने का सामान ले आए। एक
बोतल खोली और दो गिलासों में डाल दी।
हम दोनों ने गिलास उठाए और चीयर्ज कह कर गिलास टकराए और एक एक घूंट भरी।
अब निखिल भैया तो पीते रहते थे, सो वो तो पी गए, मगर मुझे बड़ा अजीब लगा। बहुत ही
तेज़ स्वाद था, मगर बुरा नहीं था।
निखिल भैया को देख देख कर मैं भी पीती रही और साथ में अल्लम गल्लम खाती रही, एक एक
गिलास हम दोनों पी गए।
मैंने भी हाँ कह दिया।
भैया उठे और फ्रिज से ठंडी बीअर निकाली और किचन से बाकी खाने का सामान ले आए। एक
बोतल खोली और दो गिलासों में डाल दी।
हम दोनों ने गिलास उठाए और चीयर्ज कह कर गिलास टकराए और एक एक घूंट भरी।
अब निखिल भैया तो पीते रहते थे, सो वो तो पी गए, मगर मुझे बड़ा अजीब लगा। बहुत ही
तेज़ स्वाद था, मगर बुरा नहीं था।
निखिल भैया को देख देख कर मैं भी पीती रही और साथ में अल्लम गल्लम खाती रही, एक एक
गिलास हम दोनों पी गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.