21-03-2022, 03:14 PM
अंदर घुसते ही हम दोनों ने अपने अपने नए कपड़े निकाले और बाथरूम में घुस गए। मैंने
नहाने के बाद एक हाफ पैंट और टी शर्ट पहन ली, मगर नीचे से कोई ब्रा या पैंटी नहीं
पहनी, जिस वजह से ठंड से कड़क हुये मेरे छोटे छोटे निप्पल मेरी टी शर्ट से साफ दिख
रहे थे।
निखिल भैया भी अपने कपड़े बदल कर आए। उन्होंने भी एक टीशर्ट और निकर पहनी थी।
मेरे सामने आते ही उनकी नज़रें सबसे पहले मेरे निप्पलों पर पड़ी। छोटे छोटे मम्मो की
कड़क डोडी देख कर उनकी आँखों में एक चमक सी आई।
बेशक मैं उनकी छोटी बहन थी मगर अब मैं जवान हो चुकी थी. और मेरी चढ़ती जवानी किसी को
दीवाना कर सकती थी।
मैंने भी निखिल भैया को देखा, टी शर्ट और निकर में उनके बदन के बने हुये मसल बहुत
खूबसूरती से दिख रहे थे। मैंने भी उनके जिस्म को घूर कर देखा।
हम दोनों सोफ़े पर बैठ गए, निखिल भैया ने टीवी लगा दिया और हम यूं ही चैनल बदल बदल
कर कभी कुछ तो कभी कुछ देखने लगे।
बाहर झमाझम बारिश हो रही थी।
नहाने के बाद एक हाफ पैंट और टी शर्ट पहन ली, मगर नीचे से कोई ब्रा या पैंटी नहीं
पहनी, जिस वजह से ठंड से कड़क हुये मेरे छोटे छोटे निप्पल मेरी टी शर्ट से साफ दिख
रहे थे।
निखिल भैया भी अपने कपड़े बदल कर आए। उन्होंने भी एक टीशर्ट और निकर पहनी थी।
मेरे सामने आते ही उनकी नज़रें सबसे पहले मेरे निप्पलों पर पड़ी। छोटे छोटे मम्मो की
कड़क डोडी देख कर उनकी आँखों में एक चमक सी आई।
बेशक मैं उनकी छोटी बहन थी मगर अब मैं जवान हो चुकी थी. और मेरी चढ़ती जवानी किसी को
दीवाना कर सकती थी।
मैंने भी निखिल भैया को देखा, टी शर्ट और निकर में उनके बदन के बने हुये मसल बहुत
खूबसूरती से दिख रहे थे। मैंने भी उनके जिस्म को घूर कर देखा।
हम दोनों सोफ़े पर बैठ गए, निखिल भैया ने टीवी लगा दिया और हम यूं ही चैनल बदल बदल
कर कभी कुछ तो कभी कुछ देखने लगे।
बाहर झमाझम बारिश हो रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.