21-03-2022, 03:05 PM
अभी तो मैं कॉलेज
में ही पढ़ती हूँ तो ज़ाहिर सी बात है कि इतनी परिपक्व नहीं हुई हूँ कि किसी मर्द को
पटा सकूँ, और उससे अपनी प्यासी जवानी की प्यास बुझा सकूँ!
में ही पढ़ती हूँ तो ज़ाहिर सी बात है कि इतनी परिपक्व नहीं हुई हूँ कि किसी मर्द को
पटा सकूँ, और उससे अपनी प्यासी जवानी की प्यास बुझा सकूँ!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.