21-03-2022, 02:44 PM
तु दीदी ने फिर पूछा कि क्या तुमने किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है? जैसे अपनी माँ, बहन, भाभी, मौसी, नौकरानी को नहाते या कपड़े बदलते?
मैंने कहा कि नहीं.
तो वो बोलीं- मुझे नंगी देखोगे?
मैंने कहा- अगर आप दिखाएंगी तो ज़रूर देखूँगा.
वो बोलीं कि एक शर्त पर.
मैंने पूछा- वो क्या?
वो बोलीं- पहले तुम्हें नंगा होना पड़ेगा.
ये सुनकर मैं चुपचाप रहा.
रितु दीदी बोलीं- उतारो अपने सब कपड़े.
मैंने कहा कि मुझे शरम लग रही है. आज तक मैं किसी लड़की या औरत के सामने नंगा नहीं हुआ हूँ.
वो बोलीं- मैं लड़की होकर तुम्हारे सामने नंगी होने को तैयार हूँ और तुम लड़के हो कर शरमा रहे हो?
रितु दीदी ने जब फिर कपड़े उतारने को कहा, तब मैंने एक एक कर कपड़े उतारने शुरू किए. पहले कमीज़ फिर पेंट फिर बनियान उसके बाद मैं रुक गया.
रितु दीदी बोलीं- उतारो ना अपना अंडरवियर..
फिर मैंने आँखें बंद करके अंडरवियर उतार ही दिया. मेरा लंड बिल्कुल तना हुआ खड़ा था.
रितु दीदी आगे बढ़ीं और उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर कहा कि तुम्हारा लंड तो अच्छा खासा लम्बा और मोटा है.
ये सुन कर मेरा लंड फनफना उठा.
रितु दीदी ने लंड सहलाते हुए पूछा- मुझे चोदोगे?
मैंने कहा- अगर आप चुदवाएंगी तो क्यों नहीं चोदूँगा. मगर पहले आप नंगी तो होइए.
वो बोलीं- चलो मेरे बेडरूम में.
वो आगे आगे चलीं, मैं उनके पीछे पीछे लंड हिलाता हुआ चलने लगा.
बेडरूम में पहुँच कर वो बोलीं- अब मैं भी नंगी हो जाती हूँ.
फिर उन्होंने एक एक कर अपने सब कपड़े उतार दिए. पहले ब्लाउज फिर सिलेक्स फिर ब्रा और उसके बाद अपनी पेंटी. उनकी झांटें काली काली और खूब बड़ी बड़ी थीं.
मैं अब तक रितु दीदी से काफी खुल गया था. मैंने उनसे पूछा- आप अपनी झांटें साफ़ नहीं करती हैं?
वो बोलीं- कभी कभी करती हूँ, पर इधर समय ही नहीं मिल पाया. किसी दिन साफ़ कर लूँगी.
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा हूँ और आपकी झांटें आप पर बहुत ही अच्छी लग रही हैं. इससे आपकी खूबसूरती और भी बढ़ गई.
रितु दीदी की चूचियां भी बड़ी बड़ी थीं और कसी हुई थीं. चूचियों के गुलाबी निप्पल भी उनकी शोभा बढ़ा रहे थे.
रितु दीदी ने पूछा- मैं नंगी कैसी लगी?
मैंने कहा- जैसा मैं समझता था उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत.
रितु दीदी मुस्कुराईं और बोलीं- आओ अब चोदो मुझे.
मैं लंड हिलाते हुए आगे बढ़ा तो उन्होंने कहा कि चोदने से पहले मेरा चुम्मा लो.. फिर मेरी चूचियां एक एक कर चूसो, फिर मेरी चूत चाटो और जीभ से मेरी क्लिट सहलाओ, उसके बाद चूत में लंड डाल के चोदो.
“ओके..”
वो बोलीं- तुमने किसी लड़की की चूत तो देखी नहीं होगी आओ पहले तुम्हें अपनी चूत और क्लिट दिखा दूँ.
फिर रितु दीदी ने अपनी टांगें फैला कर अपने भगोष्ठ फैलाये और बताने लगीं कि ये बुर है, ये क्लिट है.
फिर वो लेट गईं और मैंने उन्हें चिपका कर उनके गालों का चुम्मा लिया. फिर मैं उनकी चूचियों के निप्पलों को चूसने लगा. वो सिसकारियां ले रही थीं. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगीं. मेरा लंड पहली बार जिन्दगी में किसी लड़की ने पकड़ा था और उनके सहलाने से मैं झड़ने की हालत में आ गया.
उन से कहा, तो बोलीं कि बगल में बाथरूम है, वहीं अपना माल निकाल आओ.
मैं कमोड में अपना वीर्य गिरा कर और लंड धो कर आ गया. मुझे बहुत ही शरम लगी, पर रितु दीदी ने मेरा ढांढस बंधाते हुए कहा- घबराओ मत, पहली बार कई लोग ऐसे ही बिना चोदे झड़ जाते हैं.
फिर रितु दीदी मेरा लंड अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगीं. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
अब रितु दीदी बोलीं कि आओ अब इसे मेरी बुर में डाल दो और मुझे चोदो.
वो लेट गईं और मैंने धीरे धीरे अपना लंड उनकी बुर में पेल दिया. फिर मैं उन्हें चोदने लगा. वो भी मेरे धक्के के साथ धक्के लगा रही थीं और अपनी क्लिट भी मेरे लंड से रगड़ रही थीं. थोड़ी देर में वो सिसकारियां लेने लगीं और वो झड़ गईं. फिर मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाये और थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ने के निकट पहुँच गया.
मैंने रितु दीदी से पूछा कि अन्दर झड़ जाऊं कि बाहर?
वो बोलीं- अन्दर ही झड़ जाओ.
मैं उनकी बुर के अन्दर ही झड़ गया और थोड़ी देर बुर में लंड डाले लेटा रहा.
उसके बाद मैंने लंड निकाल लिया.
मैंने कहा कि नहीं.
तो वो बोलीं- मुझे नंगी देखोगे?
मैंने कहा- अगर आप दिखाएंगी तो ज़रूर देखूँगा.
वो बोलीं कि एक शर्त पर.
मैंने पूछा- वो क्या?
वो बोलीं- पहले तुम्हें नंगा होना पड़ेगा.
ये सुनकर मैं चुपचाप रहा.
रितु दीदी बोलीं- उतारो अपने सब कपड़े.
मैंने कहा कि मुझे शरम लग रही है. आज तक मैं किसी लड़की या औरत के सामने नंगा नहीं हुआ हूँ.
वो बोलीं- मैं लड़की होकर तुम्हारे सामने नंगी होने को तैयार हूँ और तुम लड़के हो कर शरमा रहे हो?
रितु दीदी ने जब फिर कपड़े उतारने को कहा, तब मैंने एक एक कर कपड़े उतारने शुरू किए. पहले कमीज़ फिर पेंट फिर बनियान उसके बाद मैं रुक गया.
रितु दीदी बोलीं- उतारो ना अपना अंडरवियर..
फिर मैंने आँखें बंद करके अंडरवियर उतार ही दिया. मेरा लंड बिल्कुल तना हुआ खड़ा था.
रितु दीदी आगे बढ़ीं और उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर कहा कि तुम्हारा लंड तो अच्छा खासा लम्बा और मोटा है.
ये सुन कर मेरा लंड फनफना उठा.
रितु दीदी ने लंड सहलाते हुए पूछा- मुझे चोदोगे?
मैंने कहा- अगर आप चुदवाएंगी तो क्यों नहीं चोदूँगा. मगर पहले आप नंगी तो होइए.
वो बोलीं- चलो मेरे बेडरूम में.
वो आगे आगे चलीं, मैं उनके पीछे पीछे लंड हिलाता हुआ चलने लगा.
बेडरूम में पहुँच कर वो बोलीं- अब मैं भी नंगी हो जाती हूँ.
फिर उन्होंने एक एक कर अपने सब कपड़े उतार दिए. पहले ब्लाउज फिर सिलेक्स फिर ब्रा और उसके बाद अपनी पेंटी. उनकी झांटें काली काली और खूब बड़ी बड़ी थीं.
मैं अब तक रितु दीदी से काफी खुल गया था. मैंने उनसे पूछा- आप अपनी झांटें साफ़ नहीं करती हैं?
वो बोलीं- कभी कभी करती हूँ, पर इधर समय ही नहीं मिल पाया. किसी दिन साफ़ कर लूँगी.
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा हूँ और आपकी झांटें आप पर बहुत ही अच्छी लग रही हैं. इससे आपकी खूबसूरती और भी बढ़ गई.
रितु दीदी की चूचियां भी बड़ी बड़ी थीं और कसी हुई थीं. चूचियों के गुलाबी निप्पल भी उनकी शोभा बढ़ा रहे थे.
रितु दीदी ने पूछा- मैं नंगी कैसी लगी?
मैंने कहा- जैसा मैं समझता था उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत.
रितु दीदी मुस्कुराईं और बोलीं- आओ अब चोदो मुझे.
मैं लंड हिलाते हुए आगे बढ़ा तो उन्होंने कहा कि चोदने से पहले मेरा चुम्मा लो.. फिर मेरी चूचियां एक एक कर चूसो, फिर मेरी चूत चाटो और जीभ से मेरी क्लिट सहलाओ, उसके बाद चूत में लंड डाल के चोदो.
“ओके..”
वो बोलीं- तुमने किसी लड़की की चूत तो देखी नहीं होगी आओ पहले तुम्हें अपनी चूत और क्लिट दिखा दूँ.
फिर रितु दीदी ने अपनी टांगें फैला कर अपने भगोष्ठ फैलाये और बताने लगीं कि ये बुर है, ये क्लिट है.
फिर वो लेट गईं और मैंने उन्हें चिपका कर उनके गालों का चुम्मा लिया. फिर मैं उनकी चूचियों के निप्पलों को चूसने लगा. वो सिसकारियां ले रही थीं. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगीं. मेरा लंड पहली बार जिन्दगी में किसी लड़की ने पकड़ा था और उनके सहलाने से मैं झड़ने की हालत में आ गया.
उन से कहा, तो बोलीं कि बगल में बाथरूम है, वहीं अपना माल निकाल आओ.
मैं कमोड में अपना वीर्य गिरा कर और लंड धो कर आ गया. मुझे बहुत ही शरम लगी, पर रितु दीदी ने मेरा ढांढस बंधाते हुए कहा- घबराओ मत, पहली बार कई लोग ऐसे ही बिना चोदे झड़ जाते हैं.
फिर रितु दीदी मेरा लंड अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगीं. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
अब रितु दीदी बोलीं कि आओ अब इसे मेरी बुर में डाल दो और मुझे चोदो.
वो लेट गईं और मैंने धीरे धीरे अपना लंड उनकी बुर में पेल दिया. फिर मैं उन्हें चोदने लगा. वो भी मेरे धक्के के साथ धक्के लगा रही थीं और अपनी क्लिट भी मेरे लंड से रगड़ रही थीं. थोड़ी देर में वो सिसकारियां लेने लगीं और वो झड़ गईं. फिर मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाये और थोड़ी ही देर में मैं भी झड़ने के निकट पहुँच गया.
मैंने रितु दीदी से पूछा कि अन्दर झड़ जाऊं कि बाहर?
वो बोलीं- अन्दर ही झड़ जाओ.
मैं उनकी बुर के अन्दर ही झड़ गया और थोड़ी देर बुर में लंड डाले लेटा रहा.
उसके बाद मैंने लंड निकाल लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
