21-03-2022, 02:42 PM
रे पड़ोस में एक कर्नल साहब अपने परिवार के साथ रहते थे. परिवार में वो स्वयं, उनकी पत्नी और एक बेटी थी. कर्नल साहब का नाम क. बलबिन्दर सिंह था, उनकी उम्र लगभग 54 साल की होगी. उनकी पत्नी का नाम नीतू था और वो एक खूबसूरत महिला थीं, उम्र लगभग 52 साल की होगी, पर देखने में 45-46 साल की ही लगती थीं.
उनकी जवान बेटी का नाम रितु था और उम्र करीब 27 साल की थी. वो देखने में बहुत सुन्दर थीं. उनका बदन एकदम सांचे में ढला हुआ था. बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, पतली कमर और भरे हुए कूल्हे. हर ड्रेस में बहुत जमती थीं.
अभी 27 साल की हो जाने पर भी उन्होंने शादी नहीं की थी क्योंकि उन्होंने गारमेंट्स बनाने का काम शुरू किया था और उनका बिजनेस अच्छा चल निकला था. कहते हैं कि विदेश में भी उनके गारमेंट्स एक्सपोर्ट होते थे, जिससे उनकी अच्छी इन्कम हो रही थी. उनके माता पिता भी उनके व्यापार में उनकी सहायता करते थे.
सुना था कि कर्नल साहब का परिवार बहुत ही ब्रॉड माइंडेड था. उन लोगों को किसी चीज़ से परहेज़ नहीं था. शराब के लिए उनके घर में सुना था कि सभी पीते हैं. सेक्स में भी लिबरल थे. आए दिन उनके यहाँ पार्टी होती थीं.. या वो लोग कहीं पार्टी में जाते रहते थे.
सेक्स पार्टनर्स में भी अदला बदली होती थी, जैसा कि लोगों के मुँह से मैंने सुना था.
हम लोगों का उनके यहाँ आना जाना कम ही था. तीज त्योहारों में हम लोग उनके यहाँ जाते थे या वो आते थे.
उन दिनों दशहरा की छुट्टियां थीं. मेरे पास कोई काम धाम तो था नहीं, कभी किसी दोस्त के यहाँ, कभी किसी और दोस्त के यहाँ चला जाया करता था.
उस दिन मैं असमंजस में था कि किस के यहाँ जाऊं. तभी मेरे कान में रितु दीदी की आवाज़ सुनाई दी- विजय!
मैं उनके पास गया उनसे पूछा- क्या आपने मुझे बुलाया है?
वो बोलीं- क्या तुम इस समय खाली हो. अगर खाली हो, तो मेरा एक काम कर दो.
मैंने कहा- मैं आजकल बिल्कुल खाली हूँ.. आप काम बताइए.
वो बोलीं- लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स को जानते हो?
मैंने कहा- हाँ जानता हूँ.
वो बोलीं- अभी उसका फोन आया था कि एक नई सीडी आई है, उसे मंगवा लीजिये. मेरे यहाँ आज कोई नहीं है अगर तुम ला सको तो ला दो.
मैंने कहा- ये कौन सी बड़ी बात है अभी ला देता हूँ.
रितु दीदी बोलीं- उससे बता देना कि मैंने भेजा है.. वो दे देगा.
मैं लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स चला गया और उससे बोला कि रितु जी ने भेजा है, आपने अभी उन्हें फोन किया था.
उसने कहा- हाँ अभी देता हूँ.
उसने अन्दर जाकर एक सीडी लाकर मुझे दे दी. मैं सीडी लेकर रितु दीदी के पास आ गया और उन्हें वो सीडी दे दी.
रितु दीदी बोलीं- अगर तुम खाली हो, तो आओ मूवी साथ बैठ कर देखें.
मैंने कहा- मैं तो बिल्कुल ही खाली हूँ चलिये आपके साथ मूवी ही देख लूँ.
उनकी जवान बेटी का नाम रितु था और उम्र करीब 27 साल की थी. वो देखने में बहुत सुन्दर थीं. उनका बदन एकदम सांचे में ढला हुआ था. बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, पतली कमर और भरे हुए कूल्हे. हर ड्रेस में बहुत जमती थीं.
अभी 27 साल की हो जाने पर भी उन्होंने शादी नहीं की थी क्योंकि उन्होंने गारमेंट्स बनाने का काम शुरू किया था और उनका बिजनेस अच्छा चल निकला था. कहते हैं कि विदेश में भी उनके गारमेंट्स एक्सपोर्ट होते थे, जिससे उनकी अच्छी इन्कम हो रही थी. उनके माता पिता भी उनके व्यापार में उनकी सहायता करते थे.
सुना था कि कर्नल साहब का परिवार बहुत ही ब्रॉड माइंडेड था. उन लोगों को किसी चीज़ से परहेज़ नहीं था. शराब के लिए उनके घर में सुना था कि सभी पीते हैं. सेक्स में भी लिबरल थे. आए दिन उनके यहाँ पार्टी होती थीं.. या वो लोग कहीं पार्टी में जाते रहते थे.
सेक्स पार्टनर्स में भी अदला बदली होती थी, जैसा कि लोगों के मुँह से मैंने सुना था.
हम लोगों का उनके यहाँ आना जाना कम ही था. तीज त्योहारों में हम लोग उनके यहाँ जाते थे या वो आते थे.
उन दिनों दशहरा की छुट्टियां थीं. मेरे पास कोई काम धाम तो था नहीं, कभी किसी दोस्त के यहाँ, कभी किसी और दोस्त के यहाँ चला जाया करता था.
उस दिन मैं असमंजस में था कि किस के यहाँ जाऊं. तभी मेरे कान में रितु दीदी की आवाज़ सुनाई दी- विजय!
मैं उनके पास गया उनसे पूछा- क्या आपने मुझे बुलाया है?
वो बोलीं- क्या तुम इस समय खाली हो. अगर खाली हो, तो मेरा एक काम कर दो.
मैंने कहा- मैं आजकल बिल्कुल खाली हूँ.. आप काम बताइए.
वो बोलीं- लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स को जानते हो?
मैंने कहा- हाँ जानता हूँ.
वो बोलीं- अभी उसका फोन आया था कि एक नई सीडी आई है, उसे मंगवा लीजिये. मेरे यहाँ आज कोई नहीं है अगर तुम ला सको तो ला दो.
मैंने कहा- ये कौन सी बड़ी बात है अभी ला देता हूँ.
रितु दीदी बोलीं- उससे बता देना कि मैंने भेजा है.. वो दे देगा.
मैं लेटेस्ट वीडियो स्टोर्स चला गया और उससे बोला कि रितु जी ने भेजा है, आपने अभी उन्हें फोन किया था.
उसने कहा- हाँ अभी देता हूँ.
उसने अन्दर जाकर एक सीडी लाकर मुझे दे दी. मैं सीडी लेकर रितु दीदी के पास आ गया और उन्हें वो सीडी दे दी.
रितु दीदी बोलीं- अगर तुम खाली हो, तो आओ मूवी साथ बैठ कर देखें.
मैंने कहा- मैं तो बिल्कुल ही खाली हूँ चलिये आपके साथ मूवी ही देख लूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
