Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest बहन के साथ मज़ा
दीदी बोलीं- ये वो गोली है, जिसके खाने से तेरा लंड कल सुबह तक कड़क ही रहेगा.
मैंने जल्दी से वो गोली खा ली. फिर मैंने दीदी को अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और जानवरों की तरह दीदी को चाटने चूमने लगा. दीदी के मम्मे अपने मुँह में लेकर काटने लगा तो दीदी ने बोला- आह धीरे करो.. मैं तुम्हारी बीवी हूँ.. मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
पर मैं तो वासना की भूख में पागल सा हो गया था.. तो मैंने कुछ नहीं सुना और बस दीदी के मम्मों को काटता रहा.
फिर मैंने दीदी की चुत को चाटना शुरू किया, तो दीदी ने कहा- मेरे राजा.. सागर.. मेरे पति देव, आज भर के चाट लो मेरी चुत को.. मैं अब सिर्फ़ तेरी हूँ और मैं हमेशा के लिए तेरी ही रहना चाहती हूँ.. अहह.. ओह… आईईई.. ओह राजा.. अब नहीं रहा जाता, जल्दी से डाल दे अपना लंड मेरी चुत में.. आहह..
मैं अभी भी दीदी की चुत चाट रहा था. मैंने फिर अपने लंड का सुपारा दीदी की चुत पर लगाया. दीदी की चुत पहले से ही गीली हो चुकी थी. मेरा सुपारा सट से अन्दर चला गया, लेकिन मेरा लंड था मोटा और दीदी की चुत का मुँह बंद था.
तो जब मैंने अपना पूरा लंड अन्दर घुसाने के लिए धक्का लगाया तो दीदी ज़ोर से चिल्लाईं- ओह सागर मार दिया तूने तो.. अहह.. ओह मम्ममी..
मैंने फिर एक ज़ोर का झटका लगाकर पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, तो दीदी की ने मेरी पीठ पर अपने नाखून रगड़ दिए.
दीदी तड़फ कर बोलीं- आह सागर निकाल ले अपना मूसल लंड.. नहीं तो मेरी चुत फट जाएगी..
पर मैं कहा मानने वाला था, मैं थोड़ा रुक गया और दीदी को किस करने लगा. उनके मम्मों को अपने हाथों में ले लिया और फिर एक निप्पल चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद दीदी ने बोला- आह.. अब लगा धक्के..
तो मैं शुरू हो गया और दीदी को चोदने लगा.
दीदी ने कहा- आह.. मजा आ रहा है सागर और तेज़ी से चोदो..
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब दीदी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थीं- ओह.. माय हज़्बेंड फक मी.. अहह.. कहाँ थे तुम इतनी देर से.. आह.. मुझे पूरी ज़िंदगी ऐसे ही चोदते रहना.. मेरे पातिदेव.. ओह माँहह आहह.. क्या लंड है तेरा..
मैं अपना लंड अन्दर बाहर करता हुआ दीदी के मम्मे दबा रहा था. फिर उन्होंने मुझे जकड़ लिया, मुझे लगा कि वो झड़ने वाली हैं.
इधर मैंने गोली खाई हुई थी, तो मैं तो लगातार दीदी को चोदने में लगा रहा. दीदी झड़ गई और कुछ देर बाद फिर चुदवाने लगीं. इस बीच मैंने दीदी की चुत से लंड निकाला ही नहीं था.. बस कुछ पल के लिए रुक कर दीदी की चुत के गर्म रस का मजा अपने लंड को दिलाता रहा.
करीब एक घंटे के बाद मैं बोला- दीदी अब मैं झड़ने वाला हूँ.
दीदी बोलीं- मेरे मुँह में झड़ जाओ.
मैंने झट से अपना लंड निकाल कर दीदी के मुँह में डाल दिया. दीदी मेरा सारा माल पी गईं.. और उन्होंने मेरा लंड चाट चाट के साफ कर दिया.
पर दवा के प्रभाव से मेरा लंड अभी भी कड़क था. तो मैंने दीदी को पीछे मुड़ने के लिए कहा और उनकी गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ लगाया.
तो दीदी ने बोला- सागर, मेरी गांड मारने के बारे में मत सोचना, मैं तुम्हें गांड नहीं मारने दूँगी, तेरे जीजा जी भी मेरी गांड मारना चाहते हैं, पर मैंने उनको भी मना कर दिया.
मैंने बोला- जीजू तो साला गे है, लेकिन मैं एक मर्द हूँ और तू मेरी बीवी है. समझी साली रंडी.. चल आज गांड तो क्या तेरे शरीर के हर एक छेद में अपना लंड पेलूँगा, मैं तेरा पति हूँ, मुझे तू नहीं मना कर सकती मेरी ज्योति डार्लिंग.
वो घबरा गईं..
तो मैंने बोला- शुरू शुरू में दर्द होगा, पर बाद में अच्छा लगेगा.
दीदी ने बोला- सागर एक तो तेरा लंड ही इतना बड़ा है कि मेरी चुत में अभी दर्द हो रहा है और तू मेरी गांड में भी घुसाना चाहता है. मैं मर जाऊंगी.
मैंने बोला- अरे मेरी प्यारी दीदी ज्योति, माय डार्लिंग.. कुछ नहीं होगा.
मेरे मनाने पर वो मान गईं. मैंने उनकी गांड के छेद पर बहुत सारा तेल लगाया साथ ही अपने लंड पर भी लगा लिया. फिर मैंने उन्हें कुतिया बनने को कहा, वो कुतिया बन गईं. मैंने फिर उनकी कमर पकड़ कर उनकी गांड के छेद पर अपना सुपारा रख कर एक ज़ोर का झटका मारा. मेरा सुपारा सटाक से अन्दर चला गया. दीदी दर्द के मार आगे को भागने की कोशिश करने लगीं, लेकिन मैंने दीदी को कमर से जकड़ रखा था और मेरी पकड़ मजबूत थी. फिर मैंने एकदम से मेरी पूरी ताक़त लगाई और ज़ोर का एक झटका दे मारा, मेरा लंड पूरा का पूरा दीदी की गांड के अन्दर हो गया. दीदी बहुत ही ज़ोर से चिल्लाईं- ओह.. भैनचोद.. कुत्ते.. निकाल अपना लंड, तेरी माँ की चुत.. भोसड़ी के निकाल जल्दी.. नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी.
मैंने कहा- मेरी रंडी बीवी.. चल साली अब मज़े ले.. अपने सैंया बने भैया के लंड का..
मैं थोड़ी देर रुका, दीदी की आँखों में आंसू आ गए थे.
फिर कुछ देर बाद दीदी का दर्द कम हुआ तो मैंने झटके मारने शुरू किए. दीदी भी अब उछल उछल कर अपनी गांड मरवा रही थीं, उनकी भी मज़ा आ रहा था.
दीदी प्यार से बोलीं- ओह माय डियर हज़्बेंड फक मी हार्ड.. ऐसे ही पूरी रात तक चोदते रहना.. ओह आहह सागरर.. फक मी..
गोली के असर के चलते करीब एक घंटे तक दीदी की गांड मारी इसके बाद मेरा माल निकल गया. दीदी ने सारा माल आपने मुँह में ले लिया. फिर हम दोनों बांहों में बाँहें डाल कर सो गए.
रात को जब मेरी आंख खुली तो घड़ी में 3 बज रहे थे और मैंने महसूस किया कि दीदी मेरा लंड चूस रही थीं. मैंने फिर से उनकी चुत की चुदाई की.
अब मैं और दीदी घर में पति पत्नी की तरह रहते हैं. जब मेरे जीजू घर पर नहीं होते तब मैं और दीदी नंगे ही घूमते हैं.
मेरी दीदी अब मुझसे प्रेंगनेंट हैं, लेकिन मेरी बेवकूफ़ फैमिली को लगता है कि ये बच्चा जीजू का है. असल में ये मेरा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बहन के साथ मज़ा - by neerathemall - 21-03-2022, 02:40 PM



Users browsing this thread: 8 Guest(s)