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Incest बहन के साथ मज़ा
दी बोलीं- कुछ नहीं.. चल जरा बाजार तक हो कर आते हैं.
मैं उनके साथ चल दिया.
दीदी ने अपने लिए ब्रा-पेंटी का एक सैट खरीदा जो कि पर्पल कलर का था.
उन्होंने मुझसे पूछा- कैसा लग रहा है?
“अच्छा है ले लो.”
घर आने के बाद मैंने कहा- दीदी वो ब्रा पेंटी पहन कर दिखाओ ना अभी.
दीदी ने गुस्से भरी नज़र से मुझे देखा और कहा- तू फिर से शुरू हो गया?
मैं कुछ नहीं बोला और कमरे में जाकर सो गया.
कुछ देर बाद उठा तो मैंने देखा कि घर में सजावट हो रही थी.
मैंने दीदी को छेड़ा तो दीदी ने कहा- अभी कुछ मत कर.
मैं- ठीक है दीदी, लेकिन एक बात तो बताओ ये आपने घर को फूलों से क्यों सजाया है?
दीदी- वो तुझे कल पता चल जाएगा. आज दर्जी आने वाला है तू अपना नाप दे देना.
मैंने कहा- ठीक है.. पर क्या बनवाना है?
दीदी बोलीं- वो खुद सब कर लेगा तू बस नाप दे देना. बाकी कल बात करूँगी.
मैंने कहा- ठीक है, अब इतने दिन इंतज़ार कर लिया है तो एक दिन और सही.
मैं घूमने निकल गया बाद में घर आया तो दीदी के साथ खाना खाया और सो गए.
सुबह जब मैं उठा तो दीदी घर में झाड़ू लगा रही थीं. दीदी ने ढीली सी टी-शर्ट पहन रखी थी और नीचे एक शॉर्ट पहना हुआ था. दीदी झाड़ू लगा रही थीं. उनके मम्मे मुझे दिख रहे थे, तो मेरा लंड एकदम से तम्बू बन गया.
मैं तुरंत ही बाथरूम में भागा और मुठ मारने लगा. फिर नहा कर बाहर आ गया. अब मैं टीवी देख रहा था.
फिर शाम को जो दर्जी मेरा साइज़ ले गया था, वो आया और उसने दीदी को एक शेरवानी दी. वो दर्जी के साथ एक पंडित भी आया था. मैं कुछ नहीं समझा.
दीदी ने पंडित जी को बिठाया, मैंने देखा कि पंडित के पास काफ़ी सारा सामान था.
दीदी ने मुझसे बोला- जा जाकर नहा कर ये शेरवानी पहन ले.
मैंने बोला- क्यों दीदी?
दीदी ने बोला- सवाल मत कर, जल्दी से जा.
मैं बाथरूम में जाकर नहा के वापस आपने रूम में आ गया और सोचने लगा कि आख़िर ये सब मेरे साथ हो क्या रहा है?
मैंने शेरवानी पहन ली और अच्छे से तैयार हो गया. थोड़ी देर बाद दीदी मेरे कमरे में आईं. मैं दीदी को देखकर एकदम से चौंक गया. दीदी ने अपनी शादी का जोड़ा पहना हुआ था और काफ़ी सारे गहने भी पहने थे.
उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि आज उनकी शादी हो.
मैंने दीदी की शादी के वक़्त दीदी को इस रूप में देखा था. दीदी इस वक्त कोई परी से कम नहीं लग रही थीं.
मैं तो दीदी को देखता ही रह गया. दीदी मेरे पास आईं और मेरे माथे पर किस करके बोलीं- सागर मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. मुझे तुम्हारा लंड बहुत ही अच्छा लगता है. मैंने जब पहली बार तुम्हारा लंड देखा था, तभी मुझे तुम्हारा लंड भा गया था. मैं तुमसे चुदवाना चाहती थी. लेकिन हम आखिर हैं तो भाई बहन, इसलिए मैंने अपने आप पे कंट्रोल कर लिया. पर अब और नहीं हो सकता, वैसे भी तुम्हारे जीजाजी अब 3-4 महीने के बाद आएँगे, तो मैं कैसे 3-4 महीने में लंड के बिना रह सकती हूँ. इसलिए मैंने सोच लिया है कि मैं तुमसे शादी करूँगी और बाद में हम दोनों भाई बहन पति पत्नी बन कर सुहागरात मनाएंगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन के साथ मज़ा - by neerathemall - 21-03-2022, 02:39 PM



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