21-03-2022, 02:27 PM
चूसने के कुछ देर बाद रमेश बोला- दीदी … अब मेरा लण्ड छोड़ दो, नहीं तो मेरा पानी
निकल जायेगा।
मैं उससे एक बार और चुदाना चाहती थी इसलिए मैंने उसका लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया
और बोली- अब तेरा लण्ड अच्छी तरह से खड़ा हो गया है और मेरी चूत में घुसने को तैयार
है। चल … जल्दी से मेरे ऊपर आ और मेरी प्यासी चूत को अच्छी तरह से चोद दे।
यह सुनते ही रमेश मेरे ऊपर आ गया और अपना पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में एक झटके
में ही पेल दिया। उसने मेरी चूत को दोबारा खूब अच्छी तरह से चोदा और मैं उसकी चुदाई
से निहाल हो गई।
उस रात हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए। उस दिन के बाद से मैं और रमेश
जब भी घर में अकेले होते हैं तो हम कपड़े नहीं पहनते हैं और नंगे ही रहते हैं. चूसा
चुसाई और चोदम चुदाई का खेल चलता है और हम भाई-बहन खूब जम कर चुदाई करते हैं।
निकल जायेगा।
मैं उससे एक बार और चुदाना चाहती थी इसलिए मैंने उसका लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया
और बोली- अब तेरा लण्ड अच्छी तरह से खड़ा हो गया है और मेरी चूत में घुसने को तैयार
है। चल … जल्दी से मेरे ऊपर आ और मेरी प्यासी चूत को अच्छी तरह से चोद दे।
यह सुनते ही रमेश मेरे ऊपर आ गया और अपना पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में एक झटके
में ही पेल दिया। उसने मेरी चूत को दोबारा खूब अच्छी तरह से चोदा और मैं उसकी चुदाई
से निहाल हो गई।
उस रात हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए। उस दिन के बाद से मैं और रमेश
जब भी घर में अकेले होते हैं तो हम कपड़े नहीं पहनते हैं और नंगे ही रहते हैं. चूसा
चुसाई और चोदम चुदाई का खेल चलता है और हम भाई-बहन खूब जम कर चुदाई करते हैं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)