19-03-2022, 03:27 PM
(This post was last modified: 19-03-2022, 03:35 PM by Hot_Guy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
PART-11
अनुराग की बात सुनकर शिवानी एकदम गिड़गिड़ाने लगी : मैंने आप सब का क्या बिगाड़ा है ? मुझे पहले ही बहुत ज़लील किया जा चुका है-प्लीज़ मुझे और ज़लील मत करो...प्लीज़
शिवानी कमरे के बीचों बीच खड़ी हुई गिड़गिड़ा रही थी और कमरे में गौरव, अनुराग, अमित, मोहित, रोहित और पुनीत अलग अलग कुर्सियों पर हँसते-मुस्कुराते बैठे अपने अपने खड़े लंडों को सहला रहे थे.
अनुराग शिवानी से कहने लगा : मैडम आप को यह महसूस हो रहा है कि आपको ज़लील किया जा रहा है, यह इस बात का सुबूत है कि हमारा इलाज़ आप पर काम कर रहा है-आपको अगर जमींदार साहब के घर की बहू बने रहना है और अपने पति को अपने "बच्चे" का गिफ्ट देना है तो ज़लील तो होना ही पडेगा- इतना तो आपको करना ही पडेगा
अनुराग की बात सुनकर वहां सभी लोग हंसने लगे
अब अनुराग ने बोलना शुरू किया : अब बताओ कि साड़ी वाली चिट किसके पास है ?
अमित ( चहकता हुआ) : मेरे पास साड़ी वाली चिट है
अनुराग : अब अमित शिवानी की साड़ी को उसके खूबसूरत बदन से हटाने का काम करेंगे-इनके पास शिवानी से मज़े लेने के लिए पूरे पांच मिनट का समय है- इन पांच मिनटों में अमित शिवानी को जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं
अनुराग की बात सुनते ही अमित अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और शिवानी की तरफ आ गया -उसने एक ही झटके में उसकी साड़ी का पल्लू अपने हाथ में पकड़ा और उसे खींचते हुए उसके बदन से अलग करके एक तरफ फेंक दिया
शिवानी के बदन पर अब सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट नज़र आ रहा था -शर्म और ज़लालत से उसका चेहरा एकदम लाल हो चुका था और कमरे में बैठे बुए सभी लोग उसके सेक्सी बदन को देख देखकर अपने अपने लण्ड को सहलाने में व्यस्त थे-सभी को अमित के अगले कदम का भी बेसब्री से इंतज़ार था कि वह इन पांच मिनटों के समय में आखिर शिवानी को किस तरह ज़लील करके उन सबका मनोरंजन करने वाला है
शिवानी की साड़ी उतारने के बाद अमित दुबारा से अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी को हुक्म देते हुए गुर्राकर बोला : चल अब इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जा
शिवानी धीरे धीरे चलते हुए अमित के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी
अमित ने अपने लण्ड पर अपना हाथ फिराते हुए शिवानी से कहा : चल अब अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 20 उठक बैठक लगा -जल्दी जल्दी लगा ताकि 5 मिनट के अंदर तेरी सारी उठक बैठकें पूरी हो जाएँ -कालेज में तो तू हम लोगों को बड़ी हेकड़ी दिखाती थी-अब आज तेरी सारी हेकड़ी हम लोग दूर करने वाले हैं .
शिवानी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी
उसे उठक बैठक लगाते देख अमित मुस्कराकर बोला : साली क्या मस्त माल है -उठक बैठक लगाते टाइम और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही है- मेरा बस चले तो सारी जिंदगी तुझसे ऐसे ही उठक बैठक लगवाता रहूँ
शिवानी जल्दी जल्दी गिनती बोलते हुए अपनी 20 उठक बैठक पूरी कर चुकी थी लेकिन अभी अमित के पास लगभग 2 मिनट का समय बाकी था-उसने अब शिवानी से कहा : चल इधर आकर मेरी टांगों के ऊपर लेट जा
शिवानी उसके नज़दीक आयी और अमित ने उसे अपनी दोनों फ़ैली हुई टांगों के ऊपर इस तरह से एडजस्ट कर लिया जिसमे उसकी पीठ उसके लण्ड के ऊपर टिक गयी थी, उसका चेहरा उसकी दायीं जांघ पर टिका हुआ था और उसके नितम्ब अमित की बाईं जांघ पर टिके हुए थे.
अमित ने अपने एक हाथ को उसके चिकने पेट पर फिराना शुरू कर दिया और अपने चेहरे को शिवानी के चेहरे के ऊपर लाते हुए उससे बोला : अपना मुंह खोल
शिवानी कुछ समझी नहीं और उसने अपना मुंह खोल दिया
अमित : ठीक से खोल और जब तक मैं बंद करने के लिए न कहूँ तब तक अपने मुंह को खोलकर रख
शिवानी ने अपने मुंह को थोड़ा और बड़ा करके खोल दिया
अमित ने अब उसके खुले हुए मुंह में दो तीन बार जोर से थूक दिया और हँसते हुए उससे बोला : अब मेरे इस थूक को प्रसाद समझकर निगल जा साली रंडी
अनुराग अब अमित से बोला : तुम्हारा टाइम ख़त्म हो गया है -अब "पेटीकोट" की चिट किसके पास है, वह शिवानी का पेटकोट फटाफट उतारे और इसको अपने हिसाब से थोड़ा ज़लील भी करे
पेटीकोट का नाम सुनते ही मोहित एकदम चहककर बोला : मेरे पास है पेटीकोट की चिट
मोहित अब शिवानी के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को उसके नितम्बों पर दबाते हुए अपने एक हाथ से उसके चिकने पेट को सहलाने लगा-पेट सहलाते सहलाते उसने उसके पेटीकोट का नारा खींच दिया और उसका पेटीकोट सरककर नीचे जमीन पर गिर पड़ा. अब उसकी केले जैसी सुडौल चिकनी जांघें सब को दिखने लगीं थीं क्योंकि पेटीकोट उतरने के बाद वहां पर एक छोटी सी पैंटी ही बच गयी थी.
मोहित भी अब अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : चल इधर आकर मेरे जूते उतार
शिवानी उसके पैरों के नज़दीक जाकर झुकते हुए उसके जूतों के फीते खोलने लगी
मोहित के दोनों जूतों को उतारने के बाद शिवानी वहीं जमीन पर बैठ गयी
मोहित : मोज़े भी उतार साली
शिवानी ने आगे बढ़कर मोहित के मोज़े भी उतार दिए
अब मोहित ने अपने नंगे पैरों को शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. पहले उसने अपने दाएं पैर को उसके चेहरे के दायीं तरफ उसके गालों पर काफी देर तक रगड़ा और फिर उससे बोला : अपने होंठों से मेरे पैर के तलुवों को दस बार चूम और फिर इन्हे अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर
शिवानी ने जैसे ही मोहित के पैर के तलवों को चूमा चाटना शुरू किया, सब लोग खिलखिला कर हंसने लगे और बोले : साली लौंडिया एकदम "सेक्स स्लेव" बनने लायक ही है
मोहित ने अपने 5 मिनट पूरा होने से पहले अपने दूसरे पैर के तलवे भी शिवानी से चटवा लिए थे.
To be continued..............
अनुराग की बात सुनकर शिवानी एकदम गिड़गिड़ाने लगी : मैंने आप सब का क्या बिगाड़ा है ? मुझे पहले ही बहुत ज़लील किया जा चुका है-प्लीज़ मुझे और ज़लील मत करो...प्लीज़
शिवानी कमरे के बीचों बीच खड़ी हुई गिड़गिड़ा रही थी और कमरे में गौरव, अनुराग, अमित, मोहित, रोहित और पुनीत अलग अलग कुर्सियों पर हँसते-मुस्कुराते बैठे अपने अपने खड़े लंडों को सहला रहे थे.
अनुराग शिवानी से कहने लगा : मैडम आप को यह महसूस हो रहा है कि आपको ज़लील किया जा रहा है, यह इस बात का सुबूत है कि हमारा इलाज़ आप पर काम कर रहा है-आपको अगर जमींदार साहब के घर की बहू बने रहना है और अपने पति को अपने "बच्चे" का गिफ्ट देना है तो ज़लील तो होना ही पडेगा- इतना तो आपको करना ही पडेगा
अनुराग की बात सुनकर वहां सभी लोग हंसने लगे
अब अनुराग ने बोलना शुरू किया : अब बताओ कि साड़ी वाली चिट किसके पास है ?
अमित ( चहकता हुआ) : मेरे पास साड़ी वाली चिट है
अनुराग : अब अमित शिवानी की साड़ी को उसके खूबसूरत बदन से हटाने का काम करेंगे-इनके पास शिवानी से मज़े लेने के लिए पूरे पांच मिनट का समय है- इन पांच मिनटों में अमित शिवानी को जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं
अनुराग की बात सुनते ही अमित अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और शिवानी की तरफ आ गया -उसने एक ही झटके में उसकी साड़ी का पल्लू अपने हाथ में पकड़ा और उसे खींचते हुए उसके बदन से अलग करके एक तरफ फेंक दिया
शिवानी के बदन पर अब सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट नज़र आ रहा था -शर्म और ज़लालत से उसका चेहरा एकदम लाल हो चुका था और कमरे में बैठे बुए सभी लोग उसके सेक्सी बदन को देख देखकर अपने अपने लण्ड को सहलाने में व्यस्त थे-सभी को अमित के अगले कदम का भी बेसब्री से इंतज़ार था कि वह इन पांच मिनटों के समय में आखिर शिवानी को किस तरह ज़लील करके उन सबका मनोरंजन करने वाला है
शिवानी की साड़ी उतारने के बाद अमित दुबारा से अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी को हुक्म देते हुए गुर्राकर बोला : चल अब इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जा
शिवानी धीरे धीरे चलते हुए अमित के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी
अमित ने अपने लण्ड पर अपना हाथ फिराते हुए शिवानी से कहा : चल अब अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 20 उठक बैठक लगा -जल्दी जल्दी लगा ताकि 5 मिनट के अंदर तेरी सारी उठक बैठकें पूरी हो जाएँ -कालेज में तो तू हम लोगों को बड़ी हेकड़ी दिखाती थी-अब आज तेरी सारी हेकड़ी हम लोग दूर करने वाले हैं .
शिवानी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी
उसे उठक बैठक लगाते देख अमित मुस्कराकर बोला : साली क्या मस्त माल है -उठक बैठक लगाते टाइम और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही है- मेरा बस चले तो सारी जिंदगी तुझसे ऐसे ही उठक बैठक लगवाता रहूँ
शिवानी जल्दी जल्दी गिनती बोलते हुए अपनी 20 उठक बैठक पूरी कर चुकी थी लेकिन अभी अमित के पास लगभग 2 मिनट का समय बाकी था-उसने अब शिवानी से कहा : चल इधर आकर मेरी टांगों के ऊपर लेट जा
शिवानी उसके नज़दीक आयी और अमित ने उसे अपनी दोनों फ़ैली हुई टांगों के ऊपर इस तरह से एडजस्ट कर लिया जिसमे उसकी पीठ उसके लण्ड के ऊपर टिक गयी थी, उसका चेहरा उसकी दायीं जांघ पर टिका हुआ था और उसके नितम्ब अमित की बाईं जांघ पर टिके हुए थे.
अमित ने अपने एक हाथ को उसके चिकने पेट पर फिराना शुरू कर दिया और अपने चेहरे को शिवानी के चेहरे के ऊपर लाते हुए उससे बोला : अपना मुंह खोल
शिवानी कुछ समझी नहीं और उसने अपना मुंह खोल दिया
अमित : ठीक से खोल और जब तक मैं बंद करने के लिए न कहूँ तब तक अपने मुंह को खोलकर रख
शिवानी ने अपने मुंह को थोड़ा और बड़ा करके खोल दिया
अमित ने अब उसके खुले हुए मुंह में दो तीन बार जोर से थूक दिया और हँसते हुए उससे बोला : अब मेरे इस थूक को प्रसाद समझकर निगल जा साली रंडी
अनुराग अब अमित से बोला : तुम्हारा टाइम ख़त्म हो गया है -अब "पेटीकोट" की चिट किसके पास है, वह शिवानी का पेटकोट फटाफट उतारे और इसको अपने हिसाब से थोड़ा ज़लील भी करे
पेटीकोट का नाम सुनते ही मोहित एकदम चहककर बोला : मेरे पास है पेटीकोट की चिट
मोहित अब शिवानी के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को उसके नितम्बों पर दबाते हुए अपने एक हाथ से उसके चिकने पेट को सहलाने लगा-पेट सहलाते सहलाते उसने उसके पेटीकोट का नारा खींच दिया और उसका पेटीकोट सरककर नीचे जमीन पर गिर पड़ा. अब उसकी केले जैसी सुडौल चिकनी जांघें सब को दिखने लगीं थीं क्योंकि पेटीकोट उतरने के बाद वहां पर एक छोटी सी पैंटी ही बच गयी थी.
मोहित भी अब अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : चल इधर आकर मेरे जूते उतार
शिवानी उसके पैरों के नज़दीक जाकर झुकते हुए उसके जूतों के फीते खोलने लगी
मोहित के दोनों जूतों को उतारने के बाद शिवानी वहीं जमीन पर बैठ गयी
मोहित : मोज़े भी उतार साली
शिवानी ने आगे बढ़कर मोहित के मोज़े भी उतार दिए
अब मोहित ने अपने नंगे पैरों को शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. पहले उसने अपने दाएं पैर को उसके चेहरे के दायीं तरफ उसके गालों पर काफी देर तक रगड़ा और फिर उससे बोला : अपने होंठों से मेरे पैर के तलुवों को दस बार चूम और फिर इन्हे अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर
शिवानी ने जैसे ही मोहित के पैर के तलवों को चूमा चाटना शुरू किया, सब लोग खिलखिला कर हंसने लगे और बोले : साली लौंडिया एकदम "सेक्स स्लेव" बनने लायक ही है
मोहित ने अपने 5 मिनट पूरा होने से पहले अपने दूसरे पैर के तलवे भी शिवानी से चटवा लिए थे.
To be continued..............
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा