17-03-2022, 12:22 PM
" इतनी रात तक यहाँ क्या कर रही हो..और ऊपर से रैलिंग के उस तरफ पैर करके बैठी हो कूदना है क्या!! चल अंदर चल!" खुशबू बालकनी में आते हुए दिशु से बोली।
दिशु के हवा में उड़ते हुए बाल उसके चेहरे पे अटखेलियां कर रहे थे पर दिशु ने उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठायी। दसवीं मंजिल पे बैठी वह दूर तलक समुन्द्र को देख रही थी।
खुशबू कुर्सी खींचते हुए उसके पास ही बैठ गयी और बोली - क्या हुआ दिशु इतनी रात को! नींद नहीं आ रही क्या ..कुछ हुआ है क्या?"
दिशु अभी भी वहीं देखते हुए बोली - बहुत कुछ हुआ है!
खुशबू - क्या हुआ?
दिशु - अरे दी बीच के पास कुछ हुआ है।
खुशबू - तू फिर से बातें घुमा रही है! चल ये बता यहाँ क्यों बैठी है।
दिशु - शुकुन !!
खुशबू - तुझे ऐसे बैठने से शुकुन मिल रहा।
दिशु - अरे दी कल न्यू टॉपिक है कहानी के लिए " शुकुन"!
खुशबू ने सर पीट लिया - " कभी तो सीरियस हो जाया कर!"
दिशु के हवा में उड़ते हुए बाल उसके चेहरे पे अटखेलियां कर रहे थे पर दिशु ने उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठायी। दसवीं मंजिल पे बैठी वह दूर तलक समुन्द्र को देख रही थी।
खुशबू कुर्सी खींचते हुए उसके पास ही बैठ गयी और बोली - क्या हुआ दिशु इतनी रात को! नींद नहीं आ रही क्या ..कुछ हुआ है क्या?"
दिशु अभी भी वहीं देखते हुए बोली - बहुत कुछ हुआ है!
खुशबू - क्या हुआ?
दिशु - अरे दी बीच के पास कुछ हुआ है।
खुशबू - तू फिर से बातें घुमा रही है! चल ये बता यहाँ क्यों बैठी है।
दिशु - शुकुन !!
खुशबू - तुझे ऐसे बैठने से शुकुन मिल रहा।
दिशु - अरे दी कल न्यू टॉपिक है कहानी के लिए " शुकुन"!
खुशबू ने सर पीट लिया - " कभी तो सीरियस हो जाया कर!"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.