16-03-2022, 05:42 PM
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चाची – आओ निशा ! अंदर आओ, वहाँ क्यों खड़ी रह गयी… ?
वो हमारे पास तक आई.. मे भी चारपाई से खड़ा हो गया और रूचि के गाल पर किस करने के लिए अपने होंठ आगे किए…
मे जैसे ही उसको किस करने वाला था कि रूचि ने अपना सर पीछे हटा लिया.. और मेरे होंठ निशा के गाल पर जा टिके…
रूचि ताली बजाते हुए हँसने लगी और चिल्ला कर बोली … दादी देखो ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी कर दी…ओहोहो… ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी करदी…!
उसके साथ चाची भी हँसने लगी… और हम दोनो झेंप गये.. मेने उसे सॉरी बोला…
वो रूचि को झूठा गुस्सा दिखा कर बोली – रूचि ! तू बहुत शैतानी करती है..
ठहर अभी तेरी पिटाई करती हूँ….
रूचि उसकी गोद से उतार कर मेरी गोद में आ गयी.. और मेरे गले से लिपट गयी…!
रूचि के गाल पर एक पप्पी कर के मेने उसे चाची के पास चारपाई पर बिठा दिया………
चाची बोली – तुम दोनो बैठो, मे ज़रा गाय-भैंस को चारा डाल कर आती हूँ..
और वो बहाना कर के वहाँ से चली गयी.. मेने कहा, निशा जी बैठिए ना.. !
वो – नही मे ऐसे ही ठीक हूँ.. आप बैठिए..
फिर बोली – आप मुझे निशा जी क्यों बुलाते हैं..? खाली निशा बोला कीजिए ना प्लीज़…!
मे – आपको अच्छा लगेगा..?.. तो उसने कहा – हां ! और हो सके तो ये आप की वजाय तुम कहो तो मुझे और ज़्यादा अच्छा लगेगा..
मे – ठीक है, जैसा तुम कहो… वैसे निशा ! तुमने मेरी बात का अभी तक कोई जबाब नही दिया…?
वो – कॉन सी बात का..?
मे – मेने उस दिन कहा था.. ना ! कि मे तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.. क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो..?
वो बिना कोई जबाब दिए मेरी तरफ देखने लगी.. पता नही कैसा जादू था उसकी आँखों में की मे उसकी आँखों डूबने लगता था……!
कुछ देर बाद उसने अपनी पलकें झुका ली.. लेकिन कोई जबाब नही दिया.. मेने उसके हाथ अपने हाथों में ले लिए और फिरसे अपना सवाल दोहराया, बताओ ना प्लीज़…!
वो – अगर मे ना कहूँ तो आप मान लेंगे कि मे आपको पसंद नही करती..…?
मे – फिर भी मे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हूँ…!
वो – सच कहूँ… तो मे आपको पहली नज़र से ही चाहने लगी थी, तब मुझे आपके बारे में ये भी पता नही था.. कि आप कॉन हो…?
मे – सच..! तुम सच कह रही हो..? ओह निशा… आइ लव यू… ये कहकर मेने उसे अपनी बाहों में भर लिया…
वो – आइ लव यू टू अंकुश जी… मे भी आपसे प्यार करने लगी हूँ.. लेकिन अभी छोड़िए प्लीज़ … चाची आ गयी तो क्या सोचेंगी..
मेने उसे अपने सीने से लगाकर कहा – तुम चाची की चिंता मत करो जान… वो कुछ भी नही कहेंगी…
तुम नही जानती तुमने मुझे कितनी बड़ी खुशी दे दी है… ये कहकर मेने उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसके पतले-2 रसीले होंठों को चूम लिया…
वो बुरी तरह से शरमा गयी, उसका शरीर थर-थर काँपने लगा, साँसें भारी होने लगी…
रूचि फिर ताली बजकर चिल्लाई… ओहो ! चाचू ने फिर मौसी की क़िस्सी कर दी…!
रूचि की आवाज़ सुनकर हम दोनो अलग हो गये…
चाची – आओ निशा ! अंदर आओ, वहाँ क्यों खड़ी रह गयी… ?
वो हमारे पास तक आई.. मे भी चारपाई से खड़ा हो गया और रूचि के गाल पर किस करने के लिए अपने होंठ आगे किए…
मे जैसे ही उसको किस करने वाला था कि रूचि ने अपना सर पीछे हटा लिया.. और मेरे होंठ निशा के गाल पर जा टिके…
रूचि ताली बजाते हुए हँसने लगी और चिल्ला कर बोली … दादी देखो ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी कर दी…ओहोहो… ! चाचू ने मौसी को क़िस्सी करदी…!
उसके साथ चाची भी हँसने लगी… और हम दोनो झेंप गये.. मेने उसे सॉरी बोला…
वो रूचि को झूठा गुस्सा दिखा कर बोली – रूचि ! तू बहुत शैतानी करती है..
ठहर अभी तेरी पिटाई करती हूँ….
रूचि उसकी गोद से उतार कर मेरी गोद में आ गयी.. और मेरे गले से लिपट गयी…!
रूचि के गाल पर एक पप्पी कर के मेने उसे चाची के पास चारपाई पर बिठा दिया………
चाची बोली – तुम दोनो बैठो, मे ज़रा गाय-भैंस को चारा डाल कर आती हूँ..
और वो बहाना कर के वहाँ से चली गयी.. मेने कहा, निशा जी बैठिए ना.. !
वो – नही मे ऐसे ही ठीक हूँ.. आप बैठिए..
फिर बोली – आप मुझे निशा जी क्यों बुलाते हैं..? खाली निशा बोला कीजिए ना प्लीज़…!
मे – आपको अच्छा लगेगा..?.. तो उसने कहा – हां ! और हो सके तो ये आप की वजाय तुम कहो तो मुझे और ज़्यादा अच्छा लगेगा..
मे – ठीक है, जैसा तुम कहो… वैसे निशा ! तुमने मेरी बात का अभी तक कोई जबाब नही दिया…?
वो – कॉन सी बात का..?
मे – मेने उस दिन कहा था.. ना ! कि मे तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.. क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो..?
वो बिना कोई जबाब दिए मेरी तरफ देखने लगी.. पता नही कैसा जादू था उसकी आँखों में की मे उसकी आँखों डूबने लगता था……!
कुछ देर बाद उसने अपनी पलकें झुका ली.. लेकिन कोई जबाब नही दिया.. मेने उसके हाथ अपने हाथों में ले लिए और फिरसे अपना सवाल दोहराया, बताओ ना प्लीज़…!
वो – अगर मे ना कहूँ तो आप मान लेंगे कि मे आपको पसंद नही करती..…?
मे – फिर भी मे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हूँ…!
वो – सच कहूँ… तो मे आपको पहली नज़र से ही चाहने लगी थी, तब मुझे आपके बारे में ये भी पता नही था.. कि आप कॉन हो…?
मे – सच..! तुम सच कह रही हो..? ओह निशा… आइ लव यू… ये कहकर मेने उसे अपनी बाहों में भर लिया…
वो – आइ लव यू टू अंकुश जी… मे भी आपसे प्यार करने लगी हूँ.. लेकिन अभी छोड़िए प्लीज़ … चाची आ गयी तो क्या सोचेंगी..
मेने उसे अपने सीने से लगाकर कहा – तुम चाची की चिंता मत करो जान… वो कुछ भी नही कहेंगी…
तुम नही जानती तुमने मुझे कितनी बड़ी खुशी दे दी है… ये कहकर मेने उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसके पतले-2 रसीले होंठों को चूम लिया…
वो बुरी तरह से शरमा गयी, उसका शरीर थर-थर काँपने लगा, साँसें भारी होने लगी…
रूचि फिर ताली बजकर चिल्लाई… ओहो ! चाचू ने फिर मौसी की क़िस्सी कर दी…!
रूचि की आवाज़ सुनकर हम दोनो अलग हो गये…