16-03-2022, 04:58 PM
शालिनी के पैरों के एक एक हिस्से को चूमता, चाटता, शालिनी तो तड़पाता धीरे धीरे वो चूत के पास पहुंचा। शालिनी को लगा कि अब इंतेज़ार खत्म हुआ। पर अभी उसकी किस्मत में और तड़पना लिखा था। अभिषेक ने उसके दोनो टांगो को उठा कर उसके पेट पर दबा दिया। शालिनी के नितम्ब और मलद्वार ऊपर आ गए। एक हाथ से टांगों को दबा दूसरे हाथ से एक नितम्ब को मसलता अभिषेक दूसरे नितम्ब को चूम रहा था। नितम्ब के कोने कोने को चूमने के बाद अपने जीभ के शीर्ष से अभिषेक मलद्वार के चारों तरफ घेरा बनाने लगा। ये अनुभव भी शालिनी के लिए नवीन था। उसके चूत से गीलेपन कि बूंद उसके पेट पर टपकने लगी। दोनों हाथों में एक एक टांग पकड़ कर उसने शालिनी के पैर को फैलाया और जीभ को मलद्वार से ऊपर की तरफ बढ़ता धीरे धीरे चूत की तरफ बढ़ा। शालिनी उत्तेजना से पागल हुई जा रही थी। अभिषेक ने गीली चूत को जीभ के शीर्ष से छुआ। बेताब शालिनी ने उसके सिर को पकड़ लिया। उसने चूत की दरार में मंद गति से जीभ को एक छोड़ से दूसरी छोड़ तक ले गया। फिर अभिषेक ने अपने जीभ के शीर्ष से शालिनी के क्लिटरिस को छुआ। शालिनी मतवाली हो चुकी थी। अपने आंखों को बंद कर निचले होंठ को दांतों तले दबाए शालिनी अभिषेक के बाल को मुट्ठी में पकड़ उसके सिर को अपने चूत पर दबा रही थी।
पिछले 4-5 वर्षों में मनीष ने कभी इतना समय देकर इतने इत्मीनान से शालिनी की चुदाई नहीं की थी। चुदाई तो होती पर वो अब शालिनी को टीज नहीं करता था। उसे गर्म करके, उसे तड़पा तड़पा कर नहीं चोदता था। ऐसा नहीं था कि वो शालिनी की चूत नहीं चाटता था। पर अभिषेक की कुशलता के सामने वो नौसिखिया समान था। और गांड चाटना? उफ्फ! शालिनी ने कभी कल्पना नहीं की थी ये घृणित कार्य भी उसे इतना उत्तेजित कर सकता था। अपनी मध्यमा चूत की गहराई में उतार कर अभिषेक जीभ को शालिनी के क्लिटरिस पर रगड़ रहा था। अब शालिनी इस मादक फोरप्ले को और नहीं झेल सकती थी। उसे अब चुदाई चाहिए थी, अपने चूत में अभिषेक का विशाल लंड चाहिए था। उसे अब इस बात की कोई फ़िक्र नहीं थी कि अभिषेक उसके बारे में क्या सोचेगा? उसने अभिषेक के बाल को खींचते हुए कहा "फक मि।"
पिछले 4-5 वर्षों में मनीष ने कभी इतना समय देकर इतने इत्मीनान से शालिनी की चुदाई नहीं की थी। चुदाई तो होती पर वो अब शालिनी को टीज नहीं करता था। उसे गर्म करके, उसे तड़पा तड़पा कर नहीं चोदता था। ऐसा नहीं था कि वो शालिनी की चूत नहीं चाटता था। पर अभिषेक की कुशलता के सामने वो नौसिखिया समान था। और गांड चाटना? उफ्फ! शालिनी ने कभी कल्पना नहीं की थी ये घृणित कार्य भी उसे इतना उत्तेजित कर सकता था। अपनी मध्यमा चूत की गहराई में उतार कर अभिषेक जीभ को शालिनी के क्लिटरिस पर रगड़ रहा था। अब शालिनी इस मादक फोरप्ले को और नहीं झेल सकती थी। उसे अब चुदाई चाहिए थी, अपने चूत में अभिषेक का विशाल लंड चाहिए था। उसे अब इस बात की कोई फ़िक्र नहीं थी कि अभिषेक उसके बारे में क्या सोचेगा? उसने अभिषेक के बाल को खींचते हुए कहा "फक मि।"