16-03-2022, 02:14 PM
तो सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि लिंग का उठान या योनि में होने वाले काम रस का प्रवाह एक प्राकृतिक क्रिया है। यह आज से इस युग से, द्वापर, त्रेता या सत युग से नहीं अपितु आदि अनादि काल से है।
असल में हमारी धरती पर जीवन का यही मूल भूत स्वरूप है।
हम सभी यह जानते हैं; आप मैं और सभी महिला या पुरुष असल में संभोग का ही परिणाम हैं। यदि सेक्स ना हो तो आप और मैं भी ना हों।
नहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं वासना में डूबे कुछ राक्षस महिलाओं के साथ दुराचार करें;
असल में हमारी धरती पर जीवन का यही मूल भूत स्वरूप है।
हम सभी यह जानते हैं; आप मैं और सभी महिला या पुरुष असल में संभोग का ही परिणाम हैं। यदि सेक्स ना हो तो आप और मैं भी ना हों।
नहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं वासना में डूबे कुछ राक्षस महिलाओं के साथ दुराचार करें;
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.