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Adultery शीबा मेरी जेठानी
#7
शीबा बोली :- हाय काला लौड़ा वाकई बड़ा मजेदार होता है शमा? मेरी बुर मस्त हो रही है. कभी कभी ऐसा लगता है की लौड़ा बहन चोद मुंह से बाहर निकल आएगा? अब तो मैं काले लण्ड की चहेती हो गयी हूँ. मेरा एक बॉय फ्रेंड है. वह भी काला है. में उसे फंसा लूंगी और फिर हम दोनों मिलकर चुदवायेंगी

मैंने कहा :- अरे शीबा, इसी से कहो न की अपने दोस्तों को ले आये? इसके दोस्त तो काले ही होंगे न?
शीबा बोली :- हां यार बात तो सही है. यही अपने दोस्तों को ले आएगा.
मैं बोली :- अरे यार अब्दुला तुम अपने दोस्तों से हमारी बुर चुदवाओ न प्लीज ?
वह बोला :- हां बिलकुल जितने कहो उतने ले आऊँ दोस्त? वे सब चोदेंगे तुम दोनों की बुर?
शीबा बोली :- हां कल ही ले आना? मैं इंतज़ार करूंगी?
मैंने मन में कहा :-मेरी बुर चोदी जेठानी की बुर जाने कितनी चुदासी रहती है?  जाने कितने लौडों से चुदवायेगी? इसकी चूत है की माँ का भोषडा?
वैसे मैं भी कम नहीं हूँ चुदवाने में? अब जेठानी को क्या मालूम की मैं हर रोज़ चुदवाने जाती हूँ. उससे कह देती हूँ की कभी मैं बाज़ार जा रही हूँ. किसी सहेली के घर जा रही हूँ, किसी ऑफिस जा रही हूँ, किसी से मिलने जा रही हूँ, किसी को देखने हॉस्पिटल जा रही हूँ. पर हकीकत यह है की मैं कहीं नहीं जाती? सिर्फ चुदवाने जाती हूँ. मेरा एक अड्डा है जहाँ कई लड़के इकठ्ठा होते है वहां कॉलेज की कुछ बदचलन और ऐय्यास लड़कियां चुदवाने आती है. मैं भी उन्ही में से एक बन जाती हूँ. मुझे लड़कों से चुदवाने में खूब मज़ा आता है. हर रोज़ कोई न कोई नया लौड़ा मिल जाता है? मैं दिन में चुदवा कर चुपचाप घर वापस आ जाती हूँ. जेठानी को पता ही नहीं चल पाता? इधर जेठानी भी चाहती है की मैं बाहर चली जाऊं तो वो मजे से अकेले घर में रह कर चुदवा सके? एक दिन मैं जल्दी चली आयी थी तो आपने देखा की मैंने उसकी चुदाई  किस तरह देख ली. जब वह सफी और रफ़ी से चुदवा रही थी.
दूसरे दिन अब्दुल्ला अपने दो साथी के साथ आ गया. वह जेठानी से मिला तो वह बड़ी खुश हो गयी. तब तक मैं भी आ गयी.


वह बोली :- अरी शमा देख अब्दुल्ला दो मर्द लेकर आया है?
मैंने कहा :- तो ठीक है माँ की लौड़ी आज तू अब्दुल्ला के साथ एक और लड़के से चुदवा ले? और मैं नये लड़के से चुदवा लेती हूँ.
वह बोली :- हां ठीक है यार?
हम पांचो लोग फ़टाफ़ट कपडे उतार कर नंगे हो गये. मैं एक लण्ड और जेठानी दो लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी.
तब तक किसी ने पीछे से कहा :- वाओ, ये तो सरासर नाइंसाफी है शीबा? तू भोषड़ी वाली दो दो लौडों से चुदवायेगी और तेरी देवरानी केवल एक लण्ड से?
मैंने जब पीछे मुड़ कर देखा तो वह अमीना आंटी थी.
आंटी ने कहा :- देख शीबा मेरा देवर आया है मुझे चोदने पर आज मैं चुदवा नहीं सकती? मैंने सोंचा चलो मैं इसका लण्ड शीबा की बुर में घुसेड़ देती हूँ. आज वो मज़ा करेगी. पर यहाँ तो वो पहले से ही दो दो लण्ड पकड़ कर चूस रही है. अब मैं अपने देवर का लण्ड तेरी देवरानी की बुर में पेलूँगी.
मैं बहुत खुश हो गयी और मेरी जेठानी भी?
वह बोली :- हां आंटी उसकी बुर मेरी बुर से ज्यादा अच्छी है?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शीबा मेरी जेठानी - by neerathemall - 16-03-2022, 01:14 PM



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