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Incest दीदी की ससुराल
#40
फिर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ, कि चलो आख़िरकार साली माँ की लौड़ी जो इतने दिनों से मुझे परेशान किए हुई थी; आज मेरे सामने आधी नंगी होकर लेटी हुई है. बहुत जोरों से हमारी किस चल रही थी.. मैं उसकी जीभ चूस रहा था और वो मेरी जीभ चूस रही थी. फिर मैंने उसे नीचे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और उसके सर से लेकर पेट तक चूमने लगा.. अंजू बस मोन किए जा रही थी आअहह बस करो विराज आहह मैं मर जाउंगी.. प्लीज बस करो और फिर मैं कहाँ रुकने वाला था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी की ससुराल - by neerathemall - 16-03-2022, 12:56 PM



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