Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 4.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest दीदी की ससुराल
#37
मैंने थोड़ा ज़ोर देकर कहा कि कुछ नहीं होगा और कोई नहीं जागेगा. मैं तो बस तुम्हे पकड़ कर सोना चाहता हूँ.. लेकिन वो कहाँ जानती थी कि मैं क्या पकड़ कर सोना चाहता हूँ और बस थोड़ी ही देर में अंजू ने विरोध करना बंद कर दिया और मेरे हाथ के ऊपर अपने हाथ को रखा और सोने का नाटक करने लगी. तभी मैंने सोचा कि हाथ साफ करने का यह बहुत अच्छा मौका है और मैंने अपना हाथ खींचकर उसकी साड़ी के अंदर उसके पेटीकोट पर ले गया और कसकर पकड़ लिया वो और फिर थोड़ी सी मेरे बदन से चिपक गई और कहने लगी कि कोई जान जाएगा.. घर पर बहुत से लोग है और माँ उठ जाएगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: दीदी की ससुराल - by neerathemall - 16-03-2022, 12:54 PM



Users browsing this thread: 5 Guest(s)