16-03-2022, 12:52 PM
यह कहानी मेरी दीदी की जेठानी जो कि एक विधवा है, उनके साथ हुई घटना है. तो यह बात उस वक़्त की है जब मेरी दादी जी की म्रत्यु हो गई और तो मैं घर गया हुआ था और घर पर उस समय बहुत ही दुःख का माहोल था और घर पर बहुत से रिश्तेदार भी मौजूद थे जो कि माँ और पापा को समझा रहे थे और मुझे भी दिलासा दे रहे थे.. क्योंकि वो वक्त बहुत मुश्किल होता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
