14-03-2022, 02:24 PM
(This post was last modified: 14-03-2022, 02:25 PM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
PART-3
दोपहर का खाना खाने के बाद सभी लोग अपने अपने कमरों में आराम कर रहे थे. शिवानी भी अपने पति विवेक के साथ कमरे में आराम कर रही थी. उसके मन में तरह तरह के ख़याल आ रहे थे. शादी के बाद से ही उसके देवर गौरव का उसके प्रति जो रवैया था, उसे लेकर अब वह बहुत टेंशन में आ गयी थी और जल्द ही उसका हल निकालना चाहती थी.
उसने पहले सोचा कि गौरव के बारे में अपने पति विवेक को सब कुछ बता दे लेकिन फिर उसे लगा कि कहीं बात और न बिगड़ जाए. फिर उसे अचानक ख्याल आया कि उसने कालेज में गौरव को उसके दोस्तों के सामने एक थप्पड़ जड़ दिया था और हो सकता है गौरव अपने उसी अपमान का बदला लेने के लिए उसे तंग कर रहा हो. हालांकि जब शिवानी ने थप्पड़ मारा था तो गलती गौरव की ही थी लेकिन गौरव शायद उस सार्वजानिक अपमान को अभी तक भूला नहीं है और उसका बदला ही शिवानी से ले रहा है. यही सब सोचते हुए उसने फैसला कर लिया कि वह अपने उस थप्पड़ के लिए गौरव से जाकर माफी मांग लेगी.
उसने पलटकर बिस्तर पर देखा. विवेक को नींद आ गयी थी. विवेक को बिस्तर पर सोता छोड़कर शिवानी उठकर पास वाले गौरव के कमरे में आ गयी. गौरव उस समय बिस्तर पर टी शर्ट और शार्ट पहने लेटा हुआ था और अपने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखते हुए अपने खड़े हुए लण्ड पर हाथ फिरा रहा था.
अचानक वहां पर शिवानी को देखकर वह सकपकाकर बिस्तर से उठ गया और मोबाइल को एक साइड में रखते हुए शिवानी से बोला : हाँ बोलो, मैंने तो तुम्हे नहीं बुलाया फिर यहां किसलिए आयी हो ?
शिवानी ने इस समय फ्रंट ज़िप वाला एक सफ़ेद रंग का गाउन पहना हुआ था जिसमे से उसकी खूबसूरत फिगर एकदम साफ़ नज़र आ रही थी
शिवानी : मैं आपसे माफी मांगने आयी हूँ
गौरव : कौन सी माफी
शिवानी : मैंने उस दिन कालेज में आपको आपके चार दोस्तों के सामने थप्पड़ मारा था उसके लिए माफी मांगने आयी हूँ
शिवानी की बात सुनकर गौरव का लण्ड और ज्यादा कड़क हो गया. उसे लगा कि बहुत दिनों बाद चिड़िया खुद अपना शिकार करवाने उसके पास आ गयी है
गौरव बोला : पर मैं भला तुम्हे क्यों माफ़ करूंगा ? तुमने मेरे चार दोस्तों के सामने मुझे थप्पड़ मारकर मुझे ज़लील किया और अब चुचाप अकेले में माफी मांगने चली आयी ?
शिवानी : आप मुझे जो चाहे सजा दे सकते हैं लेकिन प्लीज़ मुझे माफ़ कर दीजिये
शिवानी ने जिस तरह से गिड़गिड़ाना शुरू किया उसे देखकर गौरव का हरामीपन एकदम जाग उठा था. वह तो कब से ऐसे ही मौके की तलाश में था.
गौरव : देखो वैसे तो तुमने जो हरकत की है, वह माफी के लायक नहीं है फिर भी मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ करने के लिए तैयार हूँ
शिवानी : मुझे सभी शर्तें मंजूर हैं, बस मुझे माफ़ कर दीजिये
गौरव : आज के बाद से तुम मेरा हर हुक्म मानोगी-मैं जो भी कहूँ वह तुम करोगी और बिना किसी झिझक और हिचकिचाहट के करोगी ? बोलो यह शर्त मंजूर है ?
शिवानी कुछ सोचने के बाद बोली : पर मैं तो आपकी हर बात अभी भी मान ही रही हूँ -फिर इस शर्त की क्या जरूरत है
गौरव : शर्त की जरूरत इसलिए है ताकि मुझे बार बार तुम्हे यह याद न दिलाना पड़े कि तुम अब मेरी गुलाम हो -तुम्हारे दिमाग में यह बात हर समय रहनी चाहिए कि विवेक तुम्हारा सिर्फ पति है लेकिन तुम मेरी गुलाम हो-अंग्रेजी में कहें तो तुम अब मेरी "सेक्स स्लेव" हो. बोलो तुम मेरी सेक्स स्लेव बनने के लिए तैयार हो या नहीं ?
शिवानी : लेकिन मैंने तो आपको एक थप्पड़ एक ही बार मारा था -एक बार आप जो भी कहेंगे मैं वह कर दूंगी -आप कहकर देखिये
गौरव भी मस्ती में आ गया था : ठीक है-यह बताओ कि भैया कमरे में क्या कर रहे हैं
शिवानी : वह तो सो रहे हैं-इसलिए मैं यहां आ गयी हूँ
गौरव (शार्ट के अंदर अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए) : अब तुम ऐसा करो अपना गाउन खोलकर अपना खूबसूरत बदन मुझे दिखाओ
शिवानी को गौरव से इस तरह की बात की उम्मीद नहीं थी-वह उसकी बात सुनकर एकदम स्तब्ध रह गयी और बोली : मैं तुम्हारी भाभी हूँ -तुम होश में आकर बात करो और यह सेक्स स्लेव वगैरा अपनी वाइफ को बनाना -तुम्हारी शादी की बात भी लगता है जल्दी ही करनी पड़ेगी
इससे पहले कि गौरव और कुछ बोलता, अचानक पास वाले कमरे से विवेक की आवाज़ आयी : कहाँ हो शिवानी
शायद विवेक जाग गया था. शिवानी तुरंत ही कमरे से बाहर चली गयी और गौरव दुबारा से अपने बिस्तर पर लेटकर मोबाइल में पोर्न फिल्म देखने लगा
शेष अगले भाग में
दोपहर का खाना खाने के बाद सभी लोग अपने अपने कमरों में आराम कर रहे थे. शिवानी भी अपने पति विवेक के साथ कमरे में आराम कर रही थी. उसके मन में तरह तरह के ख़याल आ रहे थे. शादी के बाद से ही उसके देवर गौरव का उसके प्रति जो रवैया था, उसे लेकर अब वह बहुत टेंशन में आ गयी थी और जल्द ही उसका हल निकालना चाहती थी.
उसने पहले सोचा कि गौरव के बारे में अपने पति विवेक को सब कुछ बता दे लेकिन फिर उसे लगा कि कहीं बात और न बिगड़ जाए. फिर उसे अचानक ख्याल आया कि उसने कालेज में गौरव को उसके दोस्तों के सामने एक थप्पड़ जड़ दिया था और हो सकता है गौरव अपने उसी अपमान का बदला लेने के लिए उसे तंग कर रहा हो. हालांकि जब शिवानी ने थप्पड़ मारा था तो गलती गौरव की ही थी लेकिन गौरव शायद उस सार्वजानिक अपमान को अभी तक भूला नहीं है और उसका बदला ही शिवानी से ले रहा है. यही सब सोचते हुए उसने फैसला कर लिया कि वह अपने उस थप्पड़ के लिए गौरव से जाकर माफी मांग लेगी.
उसने पलटकर बिस्तर पर देखा. विवेक को नींद आ गयी थी. विवेक को बिस्तर पर सोता छोड़कर शिवानी उठकर पास वाले गौरव के कमरे में आ गयी. गौरव उस समय बिस्तर पर टी शर्ट और शार्ट पहने लेटा हुआ था और अपने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखते हुए अपने खड़े हुए लण्ड पर हाथ फिरा रहा था.
अचानक वहां पर शिवानी को देखकर वह सकपकाकर बिस्तर से उठ गया और मोबाइल को एक साइड में रखते हुए शिवानी से बोला : हाँ बोलो, मैंने तो तुम्हे नहीं बुलाया फिर यहां किसलिए आयी हो ?
शिवानी ने इस समय फ्रंट ज़िप वाला एक सफ़ेद रंग का गाउन पहना हुआ था जिसमे से उसकी खूबसूरत फिगर एकदम साफ़ नज़र आ रही थी
शिवानी : मैं आपसे माफी मांगने आयी हूँ
गौरव : कौन सी माफी
शिवानी : मैंने उस दिन कालेज में आपको आपके चार दोस्तों के सामने थप्पड़ मारा था उसके लिए माफी मांगने आयी हूँ
शिवानी की बात सुनकर गौरव का लण्ड और ज्यादा कड़क हो गया. उसे लगा कि बहुत दिनों बाद चिड़िया खुद अपना शिकार करवाने उसके पास आ गयी है
गौरव बोला : पर मैं भला तुम्हे क्यों माफ़ करूंगा ? तुमने मेरे चार दोस्तों के सामने मुझे थप्पड़ मारकर मुझे ज़लील किया और अब चुचाप अकेले में माफी मांगने चली आयी ?
शिवानी : आप मुझे जो चाहे सजा दे सकते हैं लेकिन प्लीज़ मुझे माफ़ कर दीजिये
शिवानी ने जिस तरह से गिड़गिड़ाना शुरू किया उसे देखकर गौरव का हरामीपन एकदम जाग उठा था. वह तो कब से ऐसे ही मौके की तलाश में था.
गौरव : देखो वैसे तो तुमने जो हरकत की है, वह माफी के लायक नहीं है फिर भी मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ करने के लिए तैयार हूँ
शिवानी : मुझे सभी शर्तें मंजूर हैं, बस मुझे माफ़ कर दीजिये
गौरव : आज के बाद से तुम मेरा हर हुक्म मानोगी-मैं जो भी कहूँ वह तुम करोगी और बिना किसी झिझक और हिचकिचाहट के करोगी ? बोलो यह शर्त मंजूर है ?
शिवानी कुछ सोचने के बाद बोली : पर मैं तो आपकी हर बात अभी भी मान ही रही हूँ -फिर इस शर्त की क्या जरूरत है
गौरव : शर्त की जरूरत इसलिए है ताकि मुझे बार बार तुम्हे यह याद न दिलाना पड़े कि तुम अब मेरी गुलाम हो -तुम्हारे दिमाग में यह बात हर समय रहनी चाहिए कि विवेक तुम्हारा सिर्फ पति है लेकिन तुम मेरी गुलाम हो-अंग्रेजी में कहें तो तुम अब मेरी "सेक्स स्लेव" हो. बोलो तुम मेरी सेक्स स्लेव बनने के लिए तैयार हो या नहीं ?
शिवानी : लेकिन मैंने तो आपको एक थप्पड़ एक ही बार मारा था -एक बार आप जो भी कहेंगे मैं वह कर दूंगी -आप कहकर देखिये
गौरव भी मस्ती में आ गया था : ठीक है-यह बताओ कि भैया कमरे में क्या कर रहे हैं
शिवानी : वह तो सो रहे हैं-इसलिए मैं यहां आ गयी हूँ
गौरव (शार्ट के अंदर अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए) : अब तुम ऐसा करो अपना गाउन खोलकर अपना खूबसूरत बदन मुझे दिखाओ
शिवानी को गौरव से इस तरह की बात की उम्मीद नहीं थी-वह उसकी बात सुनकर एकदम स्तब्ध रह गयी और बोली : मैं तुम्हारी भाभी हूँ -तुम होश में आकर बात करो और यह सेक्स स्लेव वगैरा अपनी वाइफ को बनाना -तुम्हारी शादी की बात भी लगता है जल्दी ही करनी पड़ेगी
इससे पहले कि गौरव और कुछ बोलता, अचानक पास वाले कमरे से विवेक की आवाज़ आयी : कहाँ हो शिवानी
शायद विवेक जाग गया था. शिवानी तुरंत ही कमरे से बाहर चली गयी और गौरव दुबारा से अपने बिस्तर पर लेटकर मोबाइल में पोर्न फिल्म देखने लगा
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा