10-03-2022, 12:01 PM
हुआ यों की मेरी बीवी और उसके भाई यानि अमिता भाभी के पति को अपने किसी प्रॉपर्टी के सिलसिले में अपने पुश्तैनी गाँव में जाना था, मुझे भी उन्होंने चलने के लिये कहा लेकिन मुझे ऑफ़िस में कुछ जरूरी काम था।
मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोड़ने गया.. तब भाई साब ने कहा- अमिता अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए हैं एक महीने के लिये, तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फ़िर घर जाकर आना।
मैंने कहा- जी ठीक है!
और मैं वहीं से ऑफ़िस चला गया।
शाम को लौटने में देर हो गई, करीब सात बज चुके थे, अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया- अरे भाभी का फ़ोन नहीं लग रहा.. तुमसे कोई बात हुई क्या?
मैंने कहा- नहीं!
‘प्लीज़ जरा उनके घर जाकर आओ!’
मैंने कहा- ठीक है..
लेकिन अचानक मेरे दिमाग में घंटी बजी, ‘यह गोल्डन चांस है, आज उसे उत्तेजित करो और मौका मिले तो… काम कर लो।’
मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोड़ने गया.. तब भाई साब ने कहा- अमिता अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए हैं एक महीने के लिये, तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फ़िर घर जाकर आना।
मैंने कहा- जी ठीक है!
और मैं वहीं से ऑफ़िस चला गया।
शाम को लौटने में देर हो गई, करीब सात बज चुके थे, अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया- अरे भाभी का फ़ोन नहीं लग रहा.. तुमसे कोई बात हुई क्या?
मैंने कहा- नहीं!
‘प्लीज़ जरा उनके घर जाकर आओ!’
मैंने कहा- ठीक है..
लेकिन अचानक मेरे दिमाग में घंटी बजी, ‘यह गोल्डन चांस है, आज उसे उत्तेजित करो और मौका मिले तो… काम कर लो।’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
