10-03-2022, 11:59 AM
लेकिन उसने कभी भी अपनी सीमा नहीं लांघी थी और उसकी यही अदा मुझे उसकी तरफ खींचती थी।
उससे मिल कर आने के बाद मैं बेचैन हो जाता था और उस दिन सुरेखा (मेरी बीवी) को बुरी तरह चोदता था।
वो भी कहती थी ‘आज क्या हो गया है.. उफ़ मार डालोगे क्या..?’
वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लिया था कि मैं उसके साथ आहिस्ता और सलीके से सेक्स करूँ।
बेचारी को क्या मालूम कि मैं उसे नहीं अमिता भाभी को चोद रहा हूँ।
मैं उन्हें भाभी कहता हूँ।
उससे मिल कर आने के बाद मैं बेचैन हो जाता था और उस दिन सुरेखा (मेरी बीवी) को बुरी तरह चोदता था।
वो भी कहती थी ‘आज क्या हो गया है.. उफ़ मार डालोगे क्या..?’
वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लिया था कि मैं उसके साथ आहिस्ता और सलीके से सेक्स करूँ।
बेचारी को क्या मालूम कि मैं उसे नहीं अमिता भाभी को चोद रहा हूँ।
मैं उन्हें भाभी कहता हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.