09-03-2022, 05:05 PM
Quote:मैंने कुछ सुना नहीं, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
