09-03-2022, 04:45 PM
एक झटके में रमेश का हाथ मेरी चुन्ची पर था. वो मेरी एक चुन्ची को अपने मुंह के अन्दर लेकर चूसने लगा. मैं बहुत शराब पीने के कारण खड़ी नहीं हो पा रही थी. मैं फर्श पर गिर पड़ी.
रमेश ने मुझको फट से पकड़ लिया और हम दोनों कार्पेट पर गिर गए. रमेश का हाथ मेरी चुन्ची पर था और रमेश वैसे ही पड़ा रहा. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैंने धीरे से रमेश से कहा- रमेश मेरी चुन्ची तो दबाओ, खूब जोर से दबाओ, इनको अपने मुंह में लेकर चूसो, इनसे खूब खेलो.
इतना सुनते ही रमेश मेरे ऊपर टूट पड़ा और मेरी चुंचियों से खिलवाड़ करने लगा. मैंने अपना दाहिनी तरफ का दूध उसके मुंह पर लगा दिया और कहा- आह्ह … लो … इसे अपने मुंह में लेकर खूब जोर से चूसो.
रमेश मेरे दूध को मुंह में लेकर चूसने लगा. मैं अपनी कामवासना में पागल हो रही थी. मेरी चूत से पानी निकल रहा था. रमेश मेरी दोनों चुंचियों को बारी बारी से मसल रहा था और चूस रहा था.
मैं उसकी दूध चुसाई से पागल सी हो गयी और उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर ले गयी. मेरी चूत को छूते ही रमेश ने पहले मेरी चूत के मोटे मोटे उभरे हुए होंठों पर हाथ फिराया और अपनी बीच वाली उंगली को मेरी चूत में घुसा दिया.
मेरा भाई अब मेरी चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से रमेश का लंड पकड़ लिया और उसको मसलने लगी.
रमेश के मुंह से सी … सी … करके सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने भाई का लंड पकड़ कर उसका सुपारा निकाल लिया और उस पर एक चुम्मा जड़ दिया. रमेश अब जोर जोर से मुझे अपनी उंगली से चोद रहा था.
मैं रमेश का लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और वो अपने लंड को मेरे मुंह में जोर जोर से ठेलने लगा. थोड़ी देर के बाद मुझको लगा कि रमेश अब झड़ जायेगा.
रमेश ने मुझको फट से पकड़ लिया और हम दोनों कार्पेट पर गिर गए. रमेश का हाथ मेरी चुन्ची पर था और रमेश वैसे ही पड़ा रहा. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैंने धीरे से रमेश से कहा- रमेश मेरी चुन्ची तो दबाओ, खूब जोर से दबाओ, इनको अपने मुंह में लेकर चूसो, इनसे खूब खेलो.
इतना सुनते ही रमेश मेरे ऊपर टूट पड़ा और मेरी चुंचियों से खिलवाड़ करने लगा. मैंने अपना दाहिनी तरफ का दूध उसके मुंह पर लगा दिया और कहा- आह्ह … लो … इसे अपने मुंह में लेकर खूब जोर से चूसो.
रमेश मेरे दूध को मुंह में लेकर चूसने लगा. मैं अपनी कामवासना में पागल हो रही थी. मेरी चूत से पानी निकल रहा था. रमेश मेरी दोनों चुंचियों को बारी बारी से मसल रहा था और चूस रहा था.
मैं उसकी दूध चुसाई से पागल सी हो गयी और उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर ले गयी. मेरी चूत को छूते ही रमेश ने पहले मेरी चूत के मोटे मोटे उभरे हुए होंठों पर हाथ फिराया और अपनी बीच वाली उंगली को मेरी चूत में घुसा दिया.
मेरा भाई अब मेरी चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से रमेश का लंड पकड़ लिया और उसको मसलने लगी.
रमेश के मुंह से सी … सी … करके सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने भाई का लंड पकड़ कर उसका सुपारा निकाल लिया और उस पर एक चुम्मा जड़ दिया. रमेश अब जोर जोर से मुझे अपनी उंगली से चोद रहा था.
मैं रमेश का लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और वो अपने लंड को मेरे मुंह में जोर जोर से ठेलने लगा. थोड़ी देर के बाद मुझको लगा कि रमेश अब झड़ जायेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)