09-03-2022, 04:44 PM
रमेश का लंड मेरी चुन्ची देख कर धीरे धीरे खड़ा होने लगा और उसको देख कर मैं और चुदासी हो गयी. मुझे लगा कि मेरा प्लान काम कर रहा है. उसकी पैंट तम्बू के जैसे उठने लगी. मैं धीरे से मुस्कराई और मैंने हाथ से अपने बाल पीछे कर लिये.
मैं जानबूझ कर उसको अपनी चुन्ची की झलक दिखाना चाहती थी. मैं अपने कन्धों को और पीछे ले गई जिससे कि मेरी चुन्ची और ज्यादा बाहर की तरफ़ निकल गई.
उसकी पैंट और अधिक उठने लगी और मैं मन ही मन मुस्करा रही थी. मुझे यकीन था कि मेरा काम बन जाएगा. उसके लंड के उठाव को देख कर लग रहा था कि थोड़ी ही देर में मैं उसकी बाँहों में होऊंगी और उसका लंड मेरी चूत अच्छी तरह से कसकर चोद रहा होगा.
मैंने अपने भाई से कहा- जाओ दो गिलास और एक स्कॉच की बोतल हमारे कमरे से ले आओ!
वो बोतल उठा लाया. एक पैग मैंने अपने लिये बनवा लिया और उसको भी पीने के लिए कहा.
मैं जानबूझ कर उसको अपनी चुन्ची की झलक दिखाना चाहती थी. मैं अपने कन्धों को और पीछे ले गई जिससे कि मेरी चुन्ची और ज्यादा बाहर की तरफ़ निकल गई.
उसकी पैंट और अधिक उठने लगी और मैं मन ही मन मुस्करा रही थी. मुझे यकीन था कि मेरा काम बन जाएगा. उसके लंड के उठाव को देख कर लग रहा था कि थोड़ी ही देर में मैं उसकी बाँहों में होऊंगी और उसका लंड मेरी चूत अच्छी तरह से कसकर चोद रहा होगा.
मैंने अपने भाई से कहा- जाओ दो गिलास और एक स्कॉच की बोतल हमारे कमरे से ले आओ!
वो बोतल उठा लाया. एक पैग मैंने अपने लिये बनवा लिया और उसको भी पीने के लिए कहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.