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Adultery अहसान का कर्ज
#13
अंकल ने धक्का मारते हुए कहा- बस और दो मिनट की बात है.
इतना कहते हुए उन्होंने दीदी की चुचियों को अपने मुँह से ले लिया और चूसने लगे. साथ ही अंकल अपनी कमर को हिलाने लगे. दीदी भी कुछ देर के बाद मज़ा लेने लगीं. मुझे अपने छब्बीस साल की जवान दीदी को पचास साल के सांड से चुदते देख कर बहुत ही मजा आ रहा था.
कुछ देर के बाद अंकल ने दीदी के होंठों को चूसना शुरू किया, तो दीदी भी उसका खुल कर साथ देने लगीं.
मैं समझ गया कि अब दोनों पूरे शवाब पर आ गए हैं. दीदी ने अपनी दोनों जांघों को फ़ैला रखा था. अंकल का पूरा लंड दीदी की चुत में चला गया था. दीदी अपने हाथों को अंकल की पीठ पर नाखून रगड़ रही थीं. अंकल दीदी की दोनों चुचियों को मसलते हुए उनको चोद रहा थे.
इस तरह से दीदी अपने ऊपर हुए अंकल के अहसान का कर्ज उतरवा रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अहसान का कर्ज - by neerathemall - 09-03-2022, 04:24 PM



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