09-03-2022, 04:24 PM
दीदी अंकल के हर एक झटके का जबाब ‘आआह्हह ऊऊह्हह आआह्ह्हह … धीईईरे ईईए..’ की आवाज के साथ दे रही थीं. कुछ देर के बाद जब उनके लंड को कुछ चैन मिल गया. अब अंकल ने दीदी से पूछा- कैसा लग रहा है?
दीदी ने आंखें बंद करके मुस्कुराते हुए अपनी गरदन को हिला कर ‘हां … अच्छा लग रहा है..’ कह दिया.
इतना सुन कर अंकल को जैसे फ़िर से जोश आ गया और उन्होंने जोर से झटका दे मारा. ये झटका बहुत तेज था, जिससे दीदी पूरी तरह से सिहर उठी थीं.
दीदी की चुत में अंकल का लगभग आधा डंडा अन्दर बाहर होने लगा था. दीदी कुछ देर के बाद मदहोशी भरी आवाज निकालने लगीं. जिससे अंकल का जोश और बढ़ने लगा.
अंकल ने दीदी की चुत में अपने पूरे लंड को पेलने के लिए एक जोर का धक्का मारा, तो दीदी छटपटा उठीं और उनके कंठ से ‘आआहह ऊऊओहह्ह आआह्ह ननाआआईई धीईरे ईईए..’ की आवाज निकल गई. दीदी अपनी चुत के पास अपने हाथ से सहलाने लगीं.
दीदी ने आंखें बंद करके मुस्कुराते हुए अपनी गरदन को हिला कर ‘हां … अच्छा लग रहा है..’ कह दिया.
इतना सुन कर अंकल को जैसे फ़िर से जोश आ गया और उन्होंने जोर से झटका दे मारा. ये झटका बहुत तेज था, जिससे दीदी पूरी तरह से सिहर उठी थीं.
दीदी की चुत में अंकल का लगभग आधा डंडा अन्दर बाहर होने लगा था. दीदी कुछ देर के बाद मदहोशी भरी आवाज निकालने लगीं. जिससे अंकल का जोश और बढ़ने लगा.
अंकल ने दीदी की चुत में अपने पूरे लंड को पेलने के लिए एक जोर का धक्का मारा, तो दीदी छटपटा उठीं और उनके कंठ से ‘आआहह ऊऊओहह्ह आआह्ह ननाआआईई धीईरे ईईए..’ की आवाज निकल गई. दीदी अपनी चुत के पास अपने हाथ से सहलाने लगीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.