09-03-2022, 04:21 PM
फिर अंकल दीदी की जांघों के बीच में बैठ गए और अपने लंड को दीदी की पानी छोड़ती हुई चुत पर रख दिया.
दीदी ने लंड का सुपारा महसूस करते ही एक मीठी सी सीत्कार निकाल दी- उन्ह … कितना गर्म है.
अंकल दीदी की चुत में अपने लंड को घुसाने के लिए जोर लगाने लगे. अंकल ने अपनी कमर को धीरे धीरे आगे किया और मैंने देखा कि दीदी की चुत में उनके लंड का सुपारा घुसता चला गया.
दीदी की आंखें फ़ैल गई थीं और उनके दांत भींच गए थे. शायद दीदी को लंड का सुपारा दर्द देने लगा था, लेकिन वो अपने दर्द को दबाए हुए थीं.
तभी अंकल ने दीदी की कमर को पकड़ कर अपनी कमर को एक जोर से झटका मारा, तो दीदी अपनी जगह से एक इंच ऊपर को खिसक गईं. उनके मुँह से एक तेज आवाज निकलने को हुई, तभी अंकल ने दीदी के मुँह पर अपने मुँह को जमा दिया.
दीदी ने लंड का सुपारा महसूस करते ही एक मीठी सी सीत्कार निकाल दी- उन्ह … कितना गर्म है.
अंकल दीदी की चुत में अपने लंड को घुसाने के लिए जोर लगाने लगे. अंकल ने अपनी कमर को धीरे धीरे आगे किया और मैंने देखा कि दीदी की चुत में उनके लंड का सुपारा घुसता चला गया.
दीदी की आंखें फ़ैल गई थीं और उनके दांत भींच गए थे. शायद दीदी को लंड का सुपारा दर्द देने लगा था, लेकिन वो अपने दर्द को दबाए हुए थीं.
तभी अंकल ने दीदी की कमर को पकड़ कर अपनी कमर को एक जोर से झटका मारा, तो दीदी अपनी जगह से एक इंच ऊपर को खिसक गईं. उनके मुँह से एक तेज आवाज निकलने को हुई, तभी अंकल ने दीदी के मुँह पर अपने मुँह को जमा दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.