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Adultery अहसान का कर्ज
#4
उस दिन दीदी को अपने ऑफ़िस के एक पार्टी में जाना था. मुझे अपने दोस्त के यहां किसी जरूरी काम से जाना था. क्योंकि मैं रूम से बाद में निकला, तो रूम की चाभी मेरे पास ही थी.

रात में मुझे अपने दोस्त के घर से निकलने में देर हो गई. मैं जब वहां से चला, तभी बारिश होने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अहसान का कर्ज - by neerathemall - 09-03-2022, 04:18 PM



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