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Incest बहन के जिस्म का
#11
विशाल ने चोर नजरों से दीदी को देखा। क्या मस्त लग रही थी वो। उन्होंने ऊपर विशालकी शर्ट पहन रखी थी। जिसमें उनकी ब्लैक कलर की ब्रा की झलकी साफ नजर आ रही थी।

नीचे शर्ट उनकी आधी जांघों को ही ढक पा रही थी। उनकी गोरी चिकनी टांगें बिल्कुल नग्न थीं। ठंड से ठिठुर कर वो पैर मोड़ कर सोई थी।
 विशाल, क्या कर रहा है, आ यहीं सो लेंगे, एक ही रात की तो बात है.
ये सुन कर विशाल धड़कनें बढ़ गयीं। आज उनके इस अवतार को देख कर विशाल को दीदी के करीब जाने में भय सा लग रहा था. किंतु विशाल उनकी बात को भी नहीं टाल सकता था.
विशाल दीदी की बगल में ही सो गया। वे दोनों एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटे हुए थे। फिर वे एक दूसरे के आमने सामने थे। विशालने दीदी के प्यारे से चेहरे को फिर से देखा। उनके वो गुलाबी होंठ, काली-काली आंखें, गोरे मुखड़े पर कहर बरपा रही थीं।
भीगे बालों में मेरी बहन अप्सरा लग रही थी। पारदर्शी सफ़ेद शर्ट में झलकता उनका गोरा मखमली बदन मुझे पागल बना रहा था। कसम से आज वो कमाल की सेक्सी लग रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन के जिस्म का - by neerathemall - 09-03-2022, 03:25 PM



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