09-03-2022, 03:15 PM
एक दिन भगवान ने मेरी तड़पती हुई चूत की पुकार सुन ली और मुझे मौका मिल ही गया. उस दिन मेरे छोटे मामा की शादी थी. मां और पापा पहले ही निकल चुके थे. हम दोनों के एग्जाम्स चल रहे थे. हम शादी के दो दिन पहले ही पहुंचने वाले थे.
पापा ने हमें बस से आने के लिए कहा. ट्रेन में कोई बुकिंग नहीं मिल रही थी. मुझे बसों में सफर करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं थी इसलिए मैंने भाई को पर्सनल सवारी से जाने की इच्छा जताई. बाय रोड 8 या 10 घंटे का सफर था. हम लोग आसानी से कार से जा सकते थे. भाई भी कार से जाने के लिए मान गया और हम निकल पड़े.
पापा ने हमें बस से आने के लिए कहा. ट्रेन में कोई बुकिंग नहीं मिल रही थी. मुझे बसों में सफर करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं थी इसलिए मैंने भाई को पर्सनल सवारी से जाने की इच्छा जताई. बाय रोड 8 या 10 घंटे का सफर था. हम लोग आसानी से कार से जा सकते थे. भाई भी कार से जाने के लिए मान गया और हम निकल पड़े.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
