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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
शालिनी उठी। फर्श पर प्लास्टिक की कंडीशनर की बोतल फूट गई थी और कंडीशनर फर्श पर बह रहा था। टेबल पर व्हिस्की की बोतल खुली थी, थोड़ी व्हिस्की गिलास में अभी भी थी। टेबल पर शालिनी का फोन पड़ा हुआ था। शालिनी ने फोन चेक किया। पॉर्न साइट का पेज अभी भी खुला था। मनीष का 21 मिस्ड कॉल। व्हाटसएप पर मनीष के मेसेज की, एमोजी की, सॉरी वाले जीआईएफ इमेज की, फिर गुडमॉर्निंग मेसेज की, फिर आई लव यू मेसेज की बौछारें थी। शालिनी ने फोन वापस टेबल पर रख दिया। बाथरूम में गई। नित्यक्रियाओं से निवृत्त हो नंगी बाथरूम से बाहर आई। उसे दरवाज़े के नीचे एक लिफ़ाफ़ा दिखा। उसने लिफ़ाफ़ा उठा कर देखा। लिफ़ाफ़ा रिजॉर्ट का था। सामने गुड मॉर्निंग छपा था, पीछे कलम से "कॉल मि" लिख कर एक मोबाइल नंबर लिखा था।

शालिनी ने लिफ़ाफ़ा खोल कर देखा तो उसके होश उड़ गए। उसके अंदर शालिनी की तस्वीरें थीं। शालिनी की नंगी तस्वीरें। उसके नहाने की तस्वीरें, बिस्तर पर नंगी बैठ कर रोती हुई तस्वीरें, टांग फैला कर नंगी लेटी हुई तस्वीरें, सोफे पर बैठ कर चूचियां मसलती तस्वीरें, चूत में टूथब्रश करती तस्वीरें, चूत में बोतल घुसी तस्वीरें, बेसुध हो नंगी सोई तस्वीरें। शालिनी ने झट से तौलिया से अपने बदन को ढका। शालिनी ने फोन उठा कर उस नंबर पर कॉल किया। "गुड मॉर्निंग शालिनी जी।" दूसरे तरफ से एक शिष्ट, शालीन, विनम्र ध्वनि ने शालिनी का अभिवादन किया। ध्वनि की शीतलता ने शालिनी के आक्रोश को थोड़ा ठंडा कर दिया था। "कौन हो तुम? मैं अभी पुलिस में कंप्लेन करती हूं। तुम मुझे जानते नहीं, मेरे पापा महाराष्ट्र पुलिस में डीआईजी हैं। तुम्हें और तुम्हारे रिजॉर्ट दोनों को मैं बंद करवा दूंगी।"
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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 05-03-2022, 11:35 PM



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