02-03-2022, 09:54 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:56 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कमरे पर पहुंच कर मनीष ने सबसे पहले मोबाइल चेक किया। "ओह! शिट! तेरह मिस्ड कॉल हैं।"
"मोबाइल नीचे रखो तुम।" शालिनी ने शख्त लहजे में कहा। बेचारे मनीष ने मोबाइल नीचे रख दिया। समुंद्र में नहाने से शालिनी का बदन चिपचिपा हो गया था और पूरे बदन पर बालू के कण चिपके थे। उसने अपना ड्रेस उतारा और नहाने बाथरूम में घुस गई। इस उम्मीद में कि मनीष भी उसके पीछे पीछे साथ नहाने आएगा, उसने बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। पर मनीष नहीं आया। जब वो नहा कर बाहर निकली तो मनीष फोन पर लगा था। शालिनी गुस्से से भरी, नंगी, गीले बदन बाथरूम से बाहर निकली और मनीष के सामने जाकर बिस्तर पर से तौलिया लेकर बदन पोछने लगी। मूर्ख मनीष जेनरल मैनेजर से बात कर रहा था। "सर.. लेकिन मैं शहर में नहीं हूं?"
"सर… पर?"
"यस सर, ओके सर!"
शालिनी अब भी नंगी थी, तौलिया सिर पर लपेटे सामने बिस्तर पर बैठ क्रोधित नयनों से मनीष को निहार रही थी। मनीष अपराधी सा शालिनी की तरफ देख रहा था, उसके कामुक बदन की ऊंचाइयों और गहराइयों को नहीं, क्रोध से लाल उसके चेहरे को। डरता, झिझकता मनीष ने अपराध बोध के साथ शालिनी से कहा "जीएम सर का फोन था।"
शालिनी ने तल्ख हो कर कहा "तो?"
"एक्चुअली एक इंपॉर्टेंट क्लायंट यूएस से बॉम्बे आया हुआ है। उससे मिलना जरूरी है।"
"वेरी गुड। तो चलें वापस?" शालिनी ने टोन कसते हुए कहा।
"देखो, प्लीज़ तुम गुस्सा मत हो। मैं शाम की फ्लाइट से जाता हूं और कल शाम वापस आ जाऊंगा। मैं छुट्टी एक्सटेंड कर लूंगा।"
"तुम्हारे कंपनी में एक तुम ही हो? और कोई नहीं?"
"जीएम सर ने पर्सनली रिक्वेस्ट किया है। इंपॉर्टेंट क्लायंट है, एनुअली 300 करोड़ का बिजनेस देता है।"
"तो क्लायंट से ही शादी कर लेते न। उसी के साथ हनीमून मनाते, मुझे लाने की क्या जरूरत थी?"
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"मोबाइल नीचे रखो तुम।" शालिनी ने शख्त लहजे में कहा। बेचारे मनीष ने मोबाइल नीचे रख दिया। समुंद्र में नहाने से शालिनी का बदन चिपचिपा हो गया था और पूरे बदन पर बालू के कण चिपके थे। उसने अपना ड्रेस उतारा और नहाने बाथरूम में घुस गई। इस उम्मीद में कि मनीष भी उसके पीछे पीछे साथ नहाने आएगा, उसने बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। पर मनीष नहीं आया। जब वो नहा कर बाहर निकली तो मनीष फोन पर लगा था। शालिनी गुस्से से भरी, नंगी, गीले बदन बाथरूम से बाहर निकली और मनीष के सामने जाकर बिस्तर पर से तौलिया लेकर बदन पोछने लगी। मूर्ख मनीष जेनरल मैनेजर से बात कर रहा था। "सर.. लेकिन मैं शहर में नहीं हूं?"
"सर… पर?"
"यस सर, ओके सर!"
शालिनी अब भी नंगी थी, तौलिया सिर पर लपेटे सामने बिस्तर पर बैठ क्रोधित नयनों से मनीष को निहार रही थी। मनीष अपराधी सा शालिनी की तरफ देख रहा था, उसके कामुक बदन की ऊंचाइयों और गहराइयों को नहीं, क्रोध से लाल उसके चेहरे को। डरता, झिझकता मनीष ने अपराध बोध के साथ शालिनी से कहा "जीएम सर का फोन था।"
शालिनी ने तल्ख हो कर कहा "तो?"
"एक्चुअली एक इंपॉर्टेंट क्लायंट यूएस से बॉम्बे आया हुआ है। उससे मिलना जरूरी है।"
"वेरी गुड। तो चलें वापस?" शालिनी ने टोन कसते हुए कहा।
"देखो, प्लीज़ तुम गुस्सा मत हो। मैं शाम की फ्लाइट से जाता हूं और कल शाम वापस आ जाऊंगा। मैं छुट्टी एक्सटेंड कर लूंगा।"
"तुम्हारे कंपनी में एक तुम ही हो? और कोई नहीं?"
"जीएम सर ने पर्सनली रिक्वेस्ट किया है। इंपॉर्टेंट क्लायंट है, एनुअली 300 करोड़ का बिजनेस देता है।"
"तो क्लायंट से ही शादी कर लेते न। उसी के साथ हनीमून मनाते, मुझे लाने की क्या जरूरत थी?"
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