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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
#90
मनीष को जब एहसास होने लगा कि दोनों के रिश्ते में इतना तनाव आ चुका है कि अगर जल्दी ही कोई उपचार न किया गया तो अपूर्णनीय क्षति संभावित है तो उसने सातवीं एनिवर्सरी पर फिर से हनीमून मनाने का प्लान बनाया। ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टी लेकर शालिनी के साथ गोवा के फाइव स्टार रिजॉर्ट में समय बिताएगा। इस पूरे ट्रिप में वो शालिनी की सारी इच्छाओं को पूरा करेगा। शालिनी जो कहेगी वही करेगा, बिना किसी विरोध के, बिना किसी प्रश्न के। कल सुबह ही शालिनी मनीष के साथ फ्लाइट से गोवा आई थी। कमरे में सामान रख कर दोनों बीच पर टहलने निकले थे। शालिनी ने मनीष को मोबाइल साथ नहीं लाने दिया। दोनों हाथ में हाथ डाल बीच पर इस तरह टहल रहे थे कि उन्हें देख कर नए प्रेमी युगल भी जल भुन कर राख हो जाए। मनीष सार्वजनिक स्थल पर स्नेह प्रदर्शन करना पसंद नहीं करता था पर आज नहीं। आज उसे शालिनी की हर बात माननी थी। आज पहली बार मनीष ने शालिनी को खुले में, लोगों के सामने चूमा था। गाल पर नहीं, होंठों पर, मुंह में जीभ घुसा कर, बदन से लिपट कर। उफ्फ, शालिनी तो एकदम गीली हो गई थी। उसकी इच्छा हो रही थी की सारे लाज शर्म भुला कर, सारी सभ्यता, सारी संस्कृति को मध्यमा दिखा कर सबके समक्ष स्वतंत्रता के साथ संभोग करे। पर वो अपने गर्मी को, अपनी वासना को, अपनी काम पिपासा को और बढ़ने देना चाहती थी। फिर वापस कमरे में आकर केवल मनीष के लिंग को ही नहीं, पूरे मनीष को ही अपने अंदर समाहित कर लेगी।

दोनों ने साथ समुन्द्र में स्नान किया। सागर के भीतर थोड़ी प्राइवेसी थी। अगर आप छाती तक पानी के नीचे हैं तो कमर के नीचे क्या चल रहा है कोई नहीं देख सकता। शालिनी ने मौके का फायदा उठा कर मनीष के शॉर्ट में हाथ घुसा दिया। मनीष मना करना चाहता था, पर उसे शालिनी की हर बात माननी थी। और फिर शालिनी के कोमल हाथों के स्पर्श को अपने लंड पर पा कर किसका खड़ा नहीं होगा? जब मनीष का खड़ा हुआ तो शालिनी ने शॉर्ट को नीचे सरका दिया। मूर्ख मनीष आजू बाजू देख कर यह सोच रहा था कि कहीं कोई देख न ले पर शरारती शालिनी डुबकी लगा कर उसके केले को चूसने लगी थी। एक सेकंड के लिए तो मनीष डर ही गया था। उसे लगा जैसे किसी मछली ने उसके लंड को पकड़ लिया पर जब उसने झुक कर नीचे देखा तो पानी पर तैरते शालिनी के बाल थे। शालिनी मुंह पानी के ऊपर ला कर गहरी सांस लेती और फिर डुबकी लगा कर मनीष का लंड चूसने लगती। मनीष चारों तरफ शर्मिंदगी से देखता और दुआ करता कि इस बेशर्मी की भनक किसी को न लगे। 4-5 बार डुबकी लगाने के बाद शालिनी बाहर निकली, उसके हाथ में उसका पैंटी था। शालिनी का वन पीस ड्रेस पानी में तैर कर उसके कमर के ऊपर आ चुका था। "क्या कर रही हो? कोई डुबकी मरेगा तो उसे सबकुछ दिख जाएगा।"


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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 27-02-2022, 09:45 PM



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