25-02-2022, 05:50 PM
(11-01-2022, 01:33 PM)neerathemall Wrote:![]()
अब मैं उठी और अपनी चूत को उसके लौड़े के ऊपर सैट करके बैठ गई, मेरी गीली चूत में उसका लौड़ा आराम से घुस गया पर उसका लौड़ा बहुत बड़ा था। थोड़ा ही अन्दर जाने के बाद मुझे लगने लगा कि यह तो मेरी चूत को फाड़ डालेगा।
शायद उसको भी तकलीफ हो रही थी, वो बोला- भाभी, मेरा लौड़ा आपकी चूत से दब रहा है।
मैंने कहा- बस थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा... पहली बार में सबको तकलीफ होती है।
मैंने थोड़ी देर आराम से लौड़ा अन्दर-बाहर किया। फिर जब वो भी नीचे से अपने लौड़े को अन्दर धकेलने लगा तो मैं भी अपनी गाण्ड उठा-उठा कर उसके लौड़े का मजा लेने लगी। अब तक वो भी पूरा गर्म हो चुका था, उसने मुझे अपने नीचे आने के लिए कहा तो मैं वैसे ही लौड़े अन्दर लिए ही एक तरफ़ से होकर उसके नीचे आ गई और वो ऊपर आ गया।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
