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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
#67
राजीव ने मुस्कुराते हुए कहा "हम पोचर्स और स्मगलर हैं। जंगली जानवरों का शिकार करते हैं, हाथी के दांत, जानवरों के खाल को नेपाल ले जा कर बेचते हैं। पुलिस से बचने के लिए इन ट्रैकिंग रूट का यूज करते हैं।"

"और नाम?"

नीरज ने हंसते हुए कहा "हमने अभी अभी तुम्हारे कन्फेस किया है कि हम क्रिमिनल्स हैं और तुम उम्मीद कर रही हो कि हम तुम्हें अपना असली नाम बता देंगे।"

"तुम दोनों प्लीज़ हमारा गाइड बन जाओ। आई प्रॉमिस, तुम्हें फुल एंजॉयमेंट मिलेगा।" साइमा ने शरारत भरी नजर से राजीव की आंखों में देखते हुए कहा।

"थैंक्स फॉर द ऑफर। लेकिन हमें दो दिन में बॉर्डर क्रॉस करके नेपाल में घुसना है।" राजीव ने पीठ पर से अपना बैग उतरा और उसमें से एक हाथी दांत का टुकड़ा लेकर साइमा को दिया। "हमारी तरफ से तुम्हें ये छोटा सा गिफ्ट। बस पुलिस को मत दिखाना। जेल चली जाओगी।"

दोनों से विदा लेकर साइमा अपने ग्रुप से मिलने चली गई। साइमा के खो जाने से सब बहुत परेशान हो गए थे। अब आगे जाने को कोई तैयार नहीं था। अगली सुबह सब बस पर बैठ वापस दिल्ली की ओर रवाना हो गए। पर साइमा को कोई ग़म नहीं था, उसका एरोटिक एडवेंचर पूरा हो चुका था।

समाप्त

[Image: Back-Page-page-0003.jpg?w=332]
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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 24-02-2022, 09:42 PM



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