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Adultery सोलवां सावन
“भैय्या, करो न प्लीज, करो न…” 


[Image: teen-tumblr_oz90dmapra1t8w951o1_540.jpg]




… … …..
न उन्होंने धक्का मारा और न बोले, सिर्फ उनकी आँखें मेरी आँखों में झांकती रहीं। और फिर मुश्कुरा के हल्के से बोले- 


“क्या करूँ, खुल के बोल न?”
 
मेरी चूत दर्द से परपरा रही थी, लेकिन उसमें चींटे भी जोर-जोर से काट रहे थे। लेकिन शर्म, झिझक अभी भी बहुत थी। किसी तरह हिम्मत करके बोली- 


“भैय्या, रुको मत, डालो न पूरा, बहुत मन कर रहा है मेरा…” 
 
“क्या डालूं मेरी बहना, खुल के बोल न?” 


मेरे निपल से खेलते वो बोले। 



[Image: nipple-milki-0_522.jpg]

 
दूसरे निपल को जोर से पिंच करते भौजी ने मेरे कान में फुसफुसाया- 


“अरे छिनरो, साफ-साफ बोल तुझे तेरे भैय्या का मोटा लण्ड चाहिए, तुझे हचक के चोदें, वरना रात भर बिना झड़े तड़पती रहेगी…” 


[Image: Guddi-Nips-suck-11807731.gif]

 
और मेरी तड़पन और बढ़ गई थी क्योंकी भैया के दूसरे हाथ के अंगूठे ने जोर-जोर से मेरी क्लिट को रगड़ना शुरू कर दिया था। मेरे चूतड़ अपने आप उछल रहे थे। 

मेरा मन कर रहा था बस वो हचक के चोद दें। 


अब बेशर्म चुदवासी की तरह मैं बोली- 
 
“भैया, मुझे, आपकी बहन को आपका मोटा लण्ड चाहिए। चोदो न मुझे पूरा लण्ड डाल के, झाड़ दो मुझे…” 
 
उन्होंने एक बार फिर मेरी दोनों लम्बी गोरी टाँगें अपने चौड़े कंधे पे सेट की और एक हाथ चूची से हट के मेरे चूतड़ पे आ गया।


 लेकिन भौजी ने दोनों चूचियां दबोच ली और जोर-जोर से मीजने रगड़ने लगी। 


मुझे लगा की भैय्या अब धक्का मारेंगे, लेकिन उन्होंने क्लिट को मसलने की रफ़्तार तेज की और मेरे गाल को कचकचा के काटते हुए, बोला- 


सुन चोदूंगा मैं तुझे, लेकिन आज ही नहीं रोज चुदवाना होगा, जहाँ कहूँ वहां आना होगा, हर जगह चुदवाना होगा…” 
 
हाँ भैया, हाँ” 


मैं चूतड़ पटक रही थी, सिसक रही थी। 


उन्होंने लण्ड आलमोस्ट बाहर निकाल लिया, आधे से ज्यादा सुपाड़ा भी बाहर था, क्लिट वो जोर-जोर से दबा रहे थे, रगड़ रहे थे। 
 
भैया- 

“जिससे कहूँ उससे चुदवाना पड़ेगा, बहना मेरी समझ ले?”
 
मैं न कुछ सुनने की हालत में थी न समझने की हालत में। बस चूतड़ पटक रही थी, सिसक रही थी, हाँ हाँ बोल रही थी। 


और अगला धक्का इतना तेज था की मैं आलमोस्ट बेहोश हो गई। 


[Image: fuck-hard.gif]


दर्द की जोर-जोर से चीखे निकल रही थी चौथे पांचवें धक्के में लण्ड ने सीधे बच्चेदानी पे धक्का मारा। 


वो मोटा सुपाड़ा, पहाड़ी आलू जैसा बड़ा, तगड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पे, और मेरी चूत से जैसे कोई ज्वालामुखी फूटा, 



[Image: fucking-hard-ffm-17917544.gif]



मैं काँप रही थी, चीख रही थी, अपने चूतड़ जोर-जोर से चादर पर रगड़ रही थी। 


 
झड़ रही थी। 


आज तक मैं इतने जोर से नहीं झड़ी थी। झड़ती रही, झड़ती रही।
 
पता नहीं मैंने कितने देर तक आँख बंद करके बस जस की तस पड़ी रही। मेरे दोनों हाथ जोर से चादर को भींचे हुए थे। 

और जब मैंने आँखों खोली तो, बाहर अब सब कुछ बदल गया था। चाँद की आँखें शैतान कजरारी बदरियों ने अपनी गदोरियों में बंद कर दी थी। बस बादलों से छिटक कर थोड़ी सी चाँदनी अभी भी कमरे में छलक रही थी।


 बाहर खिड़की से दिखती अमराई और गन्ने के खेत अब स्याह अँधेरे में पुत गए थे। 


[Image: night-dark.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 19-05-2019, 10:03 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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