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Adultery सोलवां सावन
चीख








[Image: sixteen-desifucking1.jpg]







मेरी इतनी जोर से चीख निकली की आधे गाँव में सुनाई दिया होगा। 

पूरी देह में दर्द की लहर दौड़ गई और अभी पहले धक्के के दर्द से उबरी भी नहीं थी की एक बार फिर, और अबकी पहले वाले से भी दूनी ताकत से… मुझे लग रहा था की मेरी चूत फट जायेगी। एक के बाद एक धक्के जैसे कोई धुनिया रुई धुने। 


[Image: fucking-teen-sexy.gif]


 
मेरी चीखें कुछ कम हो गई थीं, लेकिन बंद नहीं हुई थीं। 


आँखों में दर्द का छलकता पानी, कुछ छलक कर गालों पे भी उतर आया था। 

भैय्या का एक हाथ अभी भी जोर से मेरे चूतड़ को दबोचे हुआ था और दूसरा मेरी पतली कमर को पकड़े था। 
 
चूचियां अब भौजी के कब्जे में थी और वो उसे कभी हल्के-हल्के सहलाती, दुलराती तो कभी कस-कस के मसल मीज देतीं और मुझे छेड़ते हुए बोलतीं- 

“क्यों ननद रानी आ रहा है मजा चुदवाने का न? अब बन गई न भाईचोद?” 
 
और भौजी भैया को भी छेड़तीं-


[Image: fukcing-G-2.gif]



“अरे बहन की चुदाई क्या जब तक आधे गाँव को पता न चले, पेलो हचक-हचक के। बिना चीख पुकार के कच्ची कुँवारी चूत की चुदाई थोड़े ही होती है, चीखने दो छिनार को…” 
 
कुछ भौजी की छेड़छाड़, कुछ जिस तरह वो चूची मीज मसल रही थी 

और कुछ भैय्या के धक्कों का जोर भी अब कम हो गया था। 

एक बार फिर से दर्द अब मजे में बदल गया था। चूत में अभी भी टीस हो रही थी, फटी पड़ रही थी, लेकिन देह में बार-बार हर धक्के के साथ एक मजे की लहर उठती। मैं सिसक रही थी, धक्कों का जवाब भी अब चूतड़ उठा के दे रही थी। 



[Image: Fucking-G-ruff-tumblr_m6z3jrmZiY1r9jrf8o1_500.gif]

 
लेकिन तब तक भैया ने चोदना रोक दिया, और जब तक मैं कुछ समझ पाती, भौजी ने झुक के मेरे होंठों को चूम के बोला- 


“बिन्नो, अभी सिर्फ आधा गया है, जो इत्ता चीख रही हो, आधा मूसल बाकी है…” 
 
और मैंने शर्माते लजाते, कुछ डरते झिझकते देखा, तो सच में करीब तीन चार इंच बांस बाकी था। 


मेरी तो जान निकल गई, और असली जान तो तब निकली, 

जब भैया ने एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ के मेरी चूत में गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया। 
 
जिस तरह वो मेरी सहेली की अंदर की दीवारों को रगड़ रहा था, दरेर रहा था, घिसट रहा था, 


बस दो मिनट में वही हुआ जो होना था। 
 
पहले मैं दर्द से मर रही थी और अब मजे से। 
 
भैय्या ने उसके साथ दूसरे हाथ से मेरी क्लिट को छेड़ना मसलना शुरू कर दिया। 


भौजी भी उनके साथ, जोर-जोर से मेरे निप्स को पिंच कर रही थी।


 मन तो यही कह रहा था की भैया अब बाकी बचा मूसल भी मेरी चूत में डाल दें लेकिन कैसे कहती? 
 
अपने ऊपर झुकी भौजी की आँखों से लेकिन मेरी प्यासी आँखों ने अपनी फरियाद कह दी, और हल भी भौजी ने बता दिया, मेरे कानों में- 

“आरी बिन्नो, अरे मजा लेना है तो लाज शर्म छोड़ के खुल के बोल न अपने भैय्या से की पूरा लण्ड डाल के चोदें, जब तक तू नहीं बोलेगी न उनसे, न वो पूरा चोदेंगे, न तुझे झड़ने देंगे, बस ऐसे तड़पाते रहेंगे…” 


[Image: fucking-anuja-6.jpg]

 
मैंने उनकी ओर देखा, उनकी आँखें मेरी आँखों में झाँक रही थी, मुश्कुरा रही थीं जैसे मेरे बोलने का इन्तजार कर रही हो और मैंने बोल दिया- 


“भैय्या, करो न… प्लीज, करो न… भैय्या, करो न…” 
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सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 19-05-2019, 09:49 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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