15-02-2022, 08:31 PM
(This post was last modified: 27-03-2022, 08:37 AM by modern.mastram. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
साइमा ने अकड़ कर जवाब दिया "नहीं। मैं यूं हिं घूम रही हूं।"
"आप यहां की लोकल तो नहीं लगती। फिर इधर क्या कर रही हैं?"
"तुमसे मतलब? गवर्नमेंट ने यहां घूमने पर रोक लगाया है? तुम अपना काम करो।"
"हम तो बस आपकी मदद के लिए पूछ रहे थे, आप फिजूल ही गुस्सा हो रही हैं। आपको जहां घूमना घूमिए, बस अंधेरा होने से पहले यहां से निकल जाइएगा, इस इलाके में जंगली जानवर घूमते हैं।"
साइमा को लगा उसे डराने के लिए वो ऐसा बोल रहे। उसने व्यंगात्मक अंदाज़ में कहा "हां क्यों नहीं? आप तो जंगली जानवरों के एक्सपर्ट होंगे?"
"एक्चुअली जानवरों का नहीं, आप हमें जंगल का एक्सपर्ट कह सकती हैं।" उसमें से एक आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा।
"अच्छा! तो आप बोटनिस्ट हैं?" साइमा का टोन अभी भी वैसा ही था।
उस व्यक्ति ने हंसते हुए कहा "नहीं मैडम, बोटनिस्ट नहीं, हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से हैं।"
साइमा के तल्खी में थोड़ी कमी आई पर वो अभी भी संतुष्ट नहीं थी "फिर यहां वीराने में पैदल क्या कर रहे?"
दूसरे आदमी ने समझाते हुए कहा "दरअसल हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन फोर्स के एंटी पोचिंग एंड स्मगलिंग यूनिट के ऑफिसर्स हैं। मैं नीरज कश्यप और ये राजीव ठाकुर। शिकारी और स्मगलर अकसर ऐसे ट्रैकिंग रूट्स यूज करते हैं जिसपर कम लोग आते जाते हैं। उन्हीं को ट्रैक करने के लिए हम रेगुलरली ऐसे रास्ते को पैट्रोल करते हैं। आप देखने से ही भटकी हुई टूरिस्ट लग रहीं थीं वरना हम ऐसे बातें नहीं कर रहे होते, आपके सिर पर रिवॉल्वर होता और हम आपके बैग की तलाशी ले रहे होते।"
"आप यहां की लोकल तो नहीं लगती। फिर इधर क्या कर रही हैं?"
"तुमसे मतलब? गवर्नमेंट ने यहां घूमने पर रोक लगाया है? तुम अपना काम करो।"
"हम तो बस आपकी मदद के लिए पूछ रहे थे, आप फिजूल ही गुस्सा हो रही हैं। आपको जहां घूमना घूमिए, बस अंधेरा होने से पहले यहां से निकल जाइएगा, इस इलाके में जंगली जानवर घूमते हैं।"
साइमा को लगा उसे डराने के लिए वो ऐसा बोल रहे। उसने व्यंगात्मक अंदाज़ में कहा "हां क्यों नहीं? आप तो जंगली जानवरों के एक्सपर्ट होंगे?"
"एक्चुअली जानवरों का नहीं, आप हमें जंगल का एक्सपर्ट कह सकती हैं।" उसमें से एक आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा।
"अच्छा! तो आप बोटनिस्ट हैं?" साइमा का टोन अभी भी वैसा ही था।
उस व्यक्ति ने हंसते हुए कहा "नहीं मैडम, बोटनिस्ट नहीं, हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से हैं।"
साइमा के तल्खी में थोड़ी कमी आई पर वो अभी भी संतुष्ट नहीं थी "फिर यहां वीराने में पैदल क्या कर रहे?"
दूसरे आदमी ने समझाते हुए कहा "दरअसल हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन फोर्स के एंटी पोचिंग एंड स्मगलिंग यूनिट के ऑफिसर्स हैं। मैं नीरज कश्यप और ये राजीव ठाकुर। शिकारी और स्मगलर अकसर ऐसे ट्रैकिंग रूट्स यूज करते हैं जिसपर कम लोग आते जाते हैं। उन्हीं को ट्रैक करने के लिए हम रेगुलरली ऐसे रास्ते को पैट्रोल करते हैं। आप देखने से ही भटकी हुई टूरिस्ट लग रहीं थीं वरना हम ऐसे बातें नहीं कर रहे होते, आपके सिर पर रिवॉल्वर होता और हम आपके बैग की तलाशी ले रहे होते।"