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Adultery सोलवां सावन
[Image: lez-licks-gu.jpg]







“काहें ननदी छिनार, भाईचोदी, तेरे सारे खानदान की गाण्ड मरवाऊँ तोहरे भैया से, तोहरी चूत को चोद-चोद के भोसड़ा न बनाय दिया तो तुहारे भैया ने…”

 
मैं भी कौन कम थी, अपनी भाभी की चुलबुली ननद, मैंने भी मुँह बना के जवाब दिया- “

भौजी आपके मुँह में घी शक्कर लेकिन भैया हैं कहाँ?”
 
जवाब भौजी ने अपने स्टाइल से दिया, दो उंगली से पूरी ताकत से उन्होंने चूत की दोनों फांकें फैला दिया और एक बार में जैसे कोई लण्ड पेले, गचाक से अपनी जीभ पूरी अंदर ठेल दिया और उनके दोनों होंठ जैसे कोई संतरे की फांक चूसे वैसे पहले धीमे-धीमे फिर जोर-जोर से, और उनकी शैतान उंगलियां भी खाली नहीं थीं। 


[Image: pussy-licking-tumblr_obgf90SKlq1s2wsdzo1_400.gif]




जाँघों को सहलाते सहलाते सीधे क्लिट पे, 
 
मेरे पास कोई जवाब नहीं था सिवाय अपने छोटे-छोटे कुंवारे चूतड़ मस्ती में बिस्तर पे पटकने के। 
 
मुँह तो हमारा एक बार फिर भौजी की बुर ने कस के बंद कर दिया था और अब उनका इशारा समझ के मैं भी जोर-जोर से चूस रही थी। भाभी की जाँघों ने न सिर्फ मेरे सर को दबोच रखा था बल्की सीधे वो मेरी दोनों नरम कलाई पे थीं इसलिए मैं हाथ भी नहीं हिला सकती थी। नीचे मैं पनिया रही थी और ऊपर भाभी की चूत से भी एक तार की चाशनी निकलनी शुरू हो गई थी। क्या कोई मर्द किसी लौंडिया का मुँह चोदेगा, जिस ताकत से कामिनी भाभी मेरा मुँह चोद रही थीं। 
 
क्या मस्त स्वाद था, लेकिन इस समय मन कर रहा था बस एक मोटे लम्बे… मैं तो बोल नहीं सकती थी, 
 
भौजी ही बोली- 


“कहो छिनार, चाही न तोहें मोटा लण्ड?” 
 
मैं जवाब देने की हालत में नहीं थी क्योंकी एक तो कामिनी भाभी ने पूरी ताकत से अब अपनी बुर से मेरा मुँह बंद कर रखा था और दूसरे अबकी मैं तीसरी बार झड़ने के कगार पे थी। 




 
तबतक किसी ने मेरी दोनों लम्बी टांगों को पकड़ के अपने मजबूत कंधे पे रख लिया।
 
भाभी ने अपने होंठ मेरी गीली कीचड़ भरी चूत से हटा लिया था 
लेकिन उनके दोनों हाथों की उंगलियां कस के मेरे निचले होंठों को फैलाये हुयें थीं। 


मैं एकदम हिलने की हालत में नहीं थी और तभी जो मैं चाह रही थी, एक खूब मोटे गरम सुपाड़े का अहसास, 


मेरी चूत की दरार के बीच… जब तक मैं सम्हलूँ, दो तीन धक्के पूरी ताकत से, और आधे से ज्यादा मोटा सुपाड़ा मेरी चूत में। 


[Image: Fucking-CU-16938903.png]

 
मैं दर्द से कराह रही थी, लेकिन कामिनी भाभी ने ऊपर से ऐसे मुझे दबोच रखा था की न मैं हिल सकती थी न चीख सकती थी। ऊपर उनकी मोटी-मोटी जाँघों ने मेरे चेहरे को दबा रखा था। 
 
सिर्फ दर्द का अहसास था और इस बात का की एक खूब मोटा पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा बुरी तरह मेरी बुर में धंसा है।


[Image: fucking-CU-12195176.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 19-05-2019, 09:42 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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