19-05-2019, 09:09 AM
(This post was last modified: 03-09-2020, 12:45 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इनाम
" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"
उनका चेहरा इतना ख़ुशी से दमक रहा था मैं बता नहीं सकती ,लेकिन फिर वो बोले।
" मम्मी आप को पसंद आया ,इस से बड़ा इनाम मेरे लिए क्या हो सकता है। "
"दूधो नहाओ ,पूतो फलो , "
मैंने मम्मी की ओर से आशीष दे दिया फिर पलीता भी लगा दिया।
" अरे मौक़ा अच्छा है ,मम्मी से उनकी समधन मांग लो ,बचपन से ललचाते थे न ,.. "
" है तेरी वकालत की जरूरत नहीं है ,और मेरी समधन तो मैं वैसे ही अपने मुन्ने को मैं बहुत जल्द दिलवाऊंगी। पूरे मोहल्ले को जोबन लुटाती हैं तो बिचारा मेरा मुन्ना क्यों,... " उन्होंने मुझे जोर से झिड़का और एक बार फिर उनके बाल बिगाड़ते हुए बोलीं ,
"बोल न मुन्ना ,क्या मांगते हो?"
बिना उनके जवाब का इन्तजार किये वो हलके से उनके कान में बोलीं ,
" बोल बच्चे चाहिए न "
" हाँ एकदम मम्मी "
ख़ुशी उनसे रोके नहीं रुक रही थी।
( असल में ये चीज वो पहले दिन से चाहते थे और मैं मना करती थी ,मैं लगातार पिल पर रहती थी "
" कितने एक दो तीन चार ,... "
मम्मी आज उनकी कोई भी ख्वाहिश पूरी करने के मूड में थी।
" पांच " झट से उनके मुंह से निकल गया।
" एवमस्तु ,चल तेरे अगले चार साल में पांच बच्चे होंगे। तू जल्द ही पांच का पिता बन जाएगा। "
एक बार तो मैं झटक गयी फिर मुझे समझ में आ गया ,मम्मी ने उनको पिता बनने का आशीर्वाद दिया था ,मेरे माँ बनने का थोड़े ही।
फिर से चिढाते हुए मम्मी से मैंने पुछा।
"ये तो एकदम एक्सप्रेस डिलीवरी हो गयी लेकिन चार साल में पांच कैसे ?"
" अरे तू भी न इसकी संगत में रह के , ....गाभिन होने और बच्चा जनने के बीच जनाना को कितना टाइम लगता है ९ महीने न तो फिर ४५ महीने हुए ,मैं तो ४८ महीने का टाइम दे रहीं हूँ ,बच्चा बाहर ,ये अंदर। "
लेकिन मेरे मन में अभी भी उथल पुथल हो रही थी कहीं मेरे साथ तो नहीं ?
और माँ से ज्यादा कौन समझ सकता था मुझे। माँ ने उन्हें थोड़ी और जेली लाने को भेजा और फिर मुझे समझाया ,
" अरे यार ये बच्चे तेरे से होंगे ये मैंने कहाँ कहा , जो तू घबड़ा रही है। बस देखती जा। "
और जैसे ही वो आये ,माँ ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया ,
" और इन पांच बच्चो के लिए मैं जैसे कहूँगी ,जिस तरह कहूँगी ,जिस समय उस समय करना पडेगा ,समझ गए न। पहले शाट में ही गाभिन कर दोगे ,बोलो मंजूर है न। '
एकदम मम्मी कह के उन्होंने उनके पैर छू लिए।
माम ने उनके उठाते हुए हलके से उनके बल्ज को रगड़ते हुए चिढ़ाया ,
"सोच के ही टनटना गया है न तेरा। "
सच में तम्बू में बम्बू एकदम तना था।
बिचारे एक दम से ब्लश करने लगे।
मैं ,मम्मी के साथ उनके कमरे में गप्प गोष्ठी में लग गयी और वो किचेन में।
मंजू बाई अभी छुट्टी पर थी ,उसकी लड़की गीता के बच्ची हुयी थी। वो वहीँ गयी थी।
इसलिए बर्तन ,साफ़ सफाई सब इन्ही के जिम्मे , तो वो उस में लग गए।
" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"
उनका चेहरा इतना ख़ुशी से दमक रहा था मैं बता नहीं सकती ,लेकिन फिर वो बोले।
" मम्मी आप को पसंद आया ,इस से बड़ा इनाम मेरे लिए क्या हो सकता है। "
"दूधो नहाओ ,पूतो फलो , "
मैंने मम्मी की ओर से आशीष दे दिया फिर पलीता भी लगा दिया।
" अरे मौक़ा अच्छा है ,मम्मी से उनकी समधन मांग लो ,बचपन से ललचाते थे न ,.. "
" है तेरी वकालत की जरूरत नहीं है ,और मेरी समधन तो मैं वैसे ही अपने मुन्ने को मैं बहुत जल्द दिलवाऊंगी। पूरे मोहल्ले को जोबन लुटाती हैं तो बिचारा मेरा मुन्ना क्यों,... " उन्होंने मुझे जोर से झिड़का और एक बार फिर उनके बाल बिगाड़ते हुए बोलीं ,
"बोल न मुन्ना ,क्या मांगते हो?"
बिना उनके जवाब का इन्तजार किये वो हलके से उनके कान में बोलीं ,
" बोल बच्चे चाहिए न "
" हाँ एकदम मम्मी "
ख़ुशी उनसे रोके नहीं रुक रही थी।
( असल में ये चीज वो पहले दिन से चाहते थे और मैं मना करती थी ,मैं लगातार पिल पर रहती थी "
" कितने एक दो तीन चार ,... "
मम्मी आज उनकी कोई भी ख्वाहिश पूरी करने के मूड में थी।
" पांच " झट से उनके मुंह से निकल गया।
" एवमस्तु ,चल तेरे अगले चार साल में पांच बच्चे होंगे। तू जल्द ही पांच का पिता बन जाएगा। "
एक बार तो मैं झटक गयी फिर मुझे समझ में आ गया ,मम्मी ने उनको पिता बनने का आशीर्वाद दिया था ,मेरे माँ बनने का थोड़े ही।
फिर से चिढाते हुए मम्मी से मैंने पुछा।
"ये तो एकदम एक्सप्रेस डिलीवरी हो गयी लेकिन चार साल में पांच कैसे ?"
" अरे तू भी न इसकी संगत में रह के , ....गाभिन होने और बच्चा जनने के बीच जनाना को कितना टाइम लगता है ९ महीने न तो फिर ४५ महीने हुए ,मैं तो ४८ महीने का टाइम दे रहीं हूँ ,बच्चा बाहर ,ये अंदर। "
लेकिन मेरे मन में अभी भी उथल पुथल हो रही थी कहीं मेरे साथ तो नहीं ?
और माँ से ज्यादा कौन समझ सकता था मुझे। माँ ने उन्हें थोड़ी और जेली लाने को भेजा और फिर मुझे समझाया ,
" अरे यार ये बच्चे तेरे से होंगे ये मैंने कहाँ कहा , जो तू घबड़ा रही है। बस देखती जा। "
और जैसे ही वो आये ,माँ ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया ,
" और इन पांच बच्चो के लिए मैं जैसे कहूँगी ,जिस तरह कहूँगी ,जिस समय उस समय करना पडेगा ,समझ गए न। पहले शाट में ही गाभिन कर दोगे ,बोलो मंजूर है न। '
एकदम मम्मी कह के उन्होंने उनके पैर छू लिए।
माम ने उनके उठाते हुए हलके से उनके बल्ज को रगड़ते हुए चिढ़ाया ,
"सोच के ही टनटना गया है न तेरा। "
सच में तम्बू में बम्बू एकदम तना था।
बिचारे एक दम से ब्लश करने लगे।
मैं ,मम्मी के साथ उनके कमरे में गप्प गोष्ठी में लग गयी और वो किचेन में।
मंजू बाई अभी छुट्टी पर थी ,उसकी लड़की गीता के बच्ची हुयी थी। वो वहीँ गयी थी।
इसलिए बर्तन ,साफ़ सफाई सब इन्ही के जिम्मे , तो वो उस में लग गए।