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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
#6
साइमा को थोड़ा सुकून तब मिला जब ट्रैकिंग ऑर्गनाइज करने वाले टूरिस्ट ऑपरेटरों ने सबको ट्रेडिशनल रूट न छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने रूट छोड़ने के खतरों के बारे में हंसों को समझाने का प्रयास किया। कई जगह मोबाइल नेटवर्क नहीं होगा, कोई बिछड़ गया तो फिर उसे ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। ट्रेडिशनल रूट में बाकी लोग हेल्प कर देते हैं, पर आप रूट से दूर होंगे तो कोई मदद करने वाला भी नहीं होगा। पहाड़ के मौसम का क्या भरोसा, कब बारिश होगी, कब लैंडस्लाइड? कोई भी रूट कभी भी बंद हो सकता है। जब ऐसी कोई घटना होती है तो मिलिट्री मदद को पहुंच जाती है। पर आप रूट से अलग होंगे तो मिलिट्री को पता भी नहीं चलेगा।

साइमा को सारे खतरे वास्तविकता से अधिक लग रहे थे और उन वासना से भरे हंसों को सारे खतरे ट्रिप को और रोमांचक, और रोमांटिक बनाने वाले। बहुमत प्लान बदलने के पक्ष में नहीं था। साइमा मन ही मन  डेमोक्रेसी को मां बहन की गन्दी गंदी गालियां दे कर बहुमत के साथ हो ली। साथ जाने के लिए कोई गाइड तैयार था नहीं। एक स्थानीय वृद्ध ये आश्वासन देकर कि वो इस इलाके के चप्पे चप्पे से परिचित है, साथ जाने को तैयार हो गया।

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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 13-02-2022, 12:55 AM



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